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एडवांटेज महफिल-ए-गजल कार्यक्रम ने दर्शकों का जीता दिल, गायिका राधिका चोपड़ा ने दी बेहतरीन प्रस्तुति

पटना (जागता हिंदुस्तान) देश की मशहूर गजल गायिका डॉ. राधिका चोपड़ा ने एडवांटेज लिटरेरी फेस्टिवल के जरिए रविवार 21 जून को डिजिटल प्लेटफॉर्म जूम पर महफिल-ए-गजल कार्यक्रम में कोविड 19 के माहौल में अपनी गजल गायकी से लोगों को सहज बनाया। डॉ. राधिका चोपड़ा ने नाजिम महफिल-ए- गजल तरन्नुम के साथ गजल और गजल कला पर चर्चा की और इस बीच, अपनी सर्वश्रेष्ठ खुश आवाज में, विभिन्न प्रसिद्ध कवियों के शब्दों ने गजल प्रशंसकों का दिल जीत लिया। यह कार्यक्रम शाम 7.30 से रात 9.00 बजे तक चला।

महफिल-ए-गजल की शुरुआत एडवांटेज सपोर्ट के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध सर्जन डॉ अहमद अब्दुल हई ने की। उन्होंने गजल उर्दू भाषा और साहित्य की आत्मा कहा। गजल का असली अर्थ प्रीतम से बात करना है। प्रिय कोई भी हो सकता है, लेकिन वास्तविक प्रियतम इस संसार का स्वामी है।
डॉ. राधिका चोपड़ा ने बेगम अख्तर के प्रति अपने असीम प्रेम का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके साथ मेरी पहली मुलाकात मेरे पिता ने कराई थी। वह बेगम अख्तर, केएल सहगल की बहुत बड़ी प्रशंसक थीं। पहली ही मुलाकात में मुझे बेगम अख्तर से भी प्यार हो गया।

उन्होंने कहा कि शुरू में, उन्होंने पंडित जेआर शर्मा और शांति हीरानंद जी (बेगम अख्तर घराना) से प्रशिक्षण प्राप्त किया। स्नातकोतर पूरा होने के बाद मैं शांति हीरानंद जी से मिली और वह केवल तीन वर्षों के लिए ही मुझे प्रशिक्षित कर पाई लेकिन ये तीन साल तीस साल के बराबर हैं। वह बेगम अख्तर के बहुत करीब थीं और अक्सर उनके बारे में बहुत गहराई की बातें सुनाती थी। मैं इस जीवन में बेगम अख्तर की तरह नहीं गा सकती, लेकिन मैं अगले जन्म में बेगम अख्तर जैसा बनना चाहती हूं।

बता दें कि डॉ. चोपड़ा बहुत प्रतिभाशाली और बहुमुखी कलाकार हैं। उन्हें दुर्लभ कलाकारों में से एक के रूप में लेबल किया जा सकता है। भारतीय शास्त्रीय संगीत में डाॅक्टरेट करने वाली राधिका की मांग न सिर्फ भारत, पाकिस्तान बल्कि ब्रिटेन, मध्य पूर्व, अमेरिका, पूर्वी अफ्रीका में भी है। राधिका को गजल गायिकी में योगदान के लिए उर्दू अकादमी पुरस्कार 2019 से नवाजा गया। वे भारत के सभी प्रमुख त्योहारों जहां-ए-खुसरो, जश्न-ए-रेख्ता, जश्न-ए-अदब, गजल बहार आदि में भी अपनी गायकी का जलवा दिखा चुकी हैं।

कार्यक्रम के अंत में, अनवारुल होदा, लाइफ मेंबर, एडवांटेज लिटरेरी फेस्टिवल कोर कमेटी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस पुरे कार्यक्रम का संचालन अबुधाबी (UAE) से प्रसिद्ध माॅडरेटर तरन्नुम ने किया। उनके संचालन को दर्षकों बहुत पसंद किया और काफी सराहना की।

यह जानकारी देते हुए एडवांटेज ग्रुप के संस्थापक और सी.ई.ओ. खुर्शीद अहमद ने बताया कि एडवांटेज लिटरेरी फेस्टिवल के तहत इस त्योहारी माह मई-जून के तहत चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। यह कार्यक्रम लोगों को देखने के लिए आकर्षित कर रहा है। राधिका चोपड़ा भारत की एक बेहतरीन गजल गायिका के रूप में चर्चित हैं जिन्हे सुनने के लिए भीड़ जुटती है। इस कार्यक्रम को जूम पर 23, फेसबुक पर 8,894 और यू टयूब पर 822 लोग देख चुके हैं।

उन्होंने कहा कि त्योहारी माह में अब तक मुशायरा, कव्वाली तथा अंदाज-ए-बयां को 567 लोगों ने लाइव देखा है। फेसबुक तथा यू ट्यूब पर कुल तीस हजार (30 हजार) लोगों ने देखा है और इस कार्यक्रमों की खबरें (पोर्टल, अखबार, मैगजीन) द्वारा तीस लाख (30 लाख) लोगों तक पहुंची हैं। उन्होंने कहा कि हमने लोगों को नकारात्मकता से दूर रखने के लिए जूम (Zoom) पर इन कार्यक्रमों को कराने का फैसला किया।

खुर्शीद अहमद ने कहा कि आगामी 28 जून को पब्लिक डिमांड पर मुशायरा पार्ट 3 का आयोजन किया जायेगा जिसमें खुशविर सिंह साद, मदन मोहन दानिश और डाॅ. सबाहत वास्ती जैसे नामचीन शायर भाग लेंगे और 05 जुलाई रविवार को राजस्थान के प्रसिद्ध सूफी सिंगर सलामत खान और उनकी टीम का कार्यक्रम है। सलामत राजस्थान के जैसलमेर के रहने वाले हैं। वे सूफी के अलावा फिल्मी (बाॅलीवुड) गीत भी गाते हैं।

उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों को सफल बनाने में एडवांटेज लिटरेरी फेस्टिवल की कोर कमेटी के सदस्य फैजान अहमद, ओबेदुर रहमान, फहीम अहमद, डॉ. वकार अहमद, खालिद रशीद, अहमद साद, एजाज अहमद, अनवारूल होदा, शिव चतुर्वेदी, अनवर जमाल, शुमैला तहजीब, अध्यक्ष डाॅ. ए.ए. हई तथा सचिव खुर्शीद अहमद की देखरेख में आयोजन सफल हुआ। एडवांटेज लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित करने वाली कंपनी एडवांटेज सपोर्ट एडवांटेज ग्रुप की सी.एस.आर कंपनी है। इस कंपनी के ट्रस्टी डाॅ. ए.ए. हई, डाॅ. रंजना कुमारी, संजीव बोस, राजीव सोनी, संजय सलिल, खुर्शीद अहमद, सैयद सुलतान अहमद, राजीव रंजन, ओवी शेलवेन, सैयद सबा करीम एवं चंद्रमणी सिंह हैं।

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