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बिहार कांग्रेस को नहीं मिल रही राहत सामग्री बांटने की अनुमति, DM ने तीन बार आवेदन किया रद्द

पटना (जागता हिंदुस्तान) कोरोना महामारी को लेकर जारी लॉकडाउन के बीच सरकारी एवं गैर सरकारी स्तर पर जरूरतमंदों के बीच राहत सामग्री बांटने का सिलसिला लगातार जारी है। इस मामले में विपक्षी दलों ने भी सरकार का साथ देने की पेशकश की है, लेकिन बिहार कांग्रेस की शिकायत है कि उसे राहत सामग्री बांटने के लिए सरकार द्वारा अनुमति नहीं दी जा रही है।

इस इस संबंध में बिहार कांग्रेस मैनिफ़ेस्टो कमिटी एवं रिसर्च विभाग के चेयरमैन आनंद माधव ने सरकार के कार्यों के प्रति रोष प्रकट करते हुए कहा है कि ये सरकार ना कुछ करती है और न करने देती है बल्कि केवल काग़ज़ी शेर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि राहत सामग्री बांटने के लिये तीन-तीन बार जिला प्रशासन ने उनका आवेदन रद्द किया है। पहली बार एक पिक-अप वैन फिर दो बार अपनी निजी गाड़ी के पास के लिये आवेदन दिया था, लेकिन तीनों ही बार पटना जिला प्रशासन ने आवेदन को बिना किसी उचित कारण के अस्वीकृत कर दिया।

आनंद माधव ने कहा कि आवेदन में लिखा था कि ज़रूरतमंदों के लिये राहत सामग्री पहुंचाना, लेकिन बार बार केवल “नॉट अलाउड” लिखकर आता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर अगर नियमों का उल्लंघन ही करना होता तो विधिवत पास के लिये क्यों आवेदन दिया जाता। उन्होंने बताया कि आवेदन के लिए प्रयोजन में तीन ही विकल्प व्यक्तिगत, व्यवसायिक एवं आधिकारिक हैं। अब बतायें कि कहां आवेदन किया जाए। व्यापार करना नही, सरकारी अधिकारी हूँ नहीं, तो व्यक्तिगत ही होगा।

आनंद यादव ने कहा कि प्रयोजन के विवरण में लिखा है कि जरुरतमंदो के बीच डेटॉल साबुन पहुँचाने हेतु राहत सामग्री
और अंत में यह भी लिखा कि जरुरतमंदो के बीच मेडिकल समान पहुँचाने हेतु।

कांग्रेस नेता ने सीधे तौर पर राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ज़िलाधिकारी वही करता, जो उसे निर्देश रहता है, फिर पटना का ज़िलाधिकारी तो साहब की नाक का बाल होता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष तो सरकार का साथ देना चाहती है, लेकिन सरकार ही विपक्ष को साथ लेकर नहीं चलना चाहती है। सरकार बस काग़ज़ी खानापूर्ति और बयानबाज़ी में लगी है।

बिहार कांग्रेस मैनिफ़ेस्टो कमिट एवं रिसर्च विभाग के चेयरमैन एवं कोविड-19 को-ऑरडिनेशन कमिटी के सदस्य आनंद माधव ने कहा कि हमारी मांग है कि:-

  1. सरकार एक सर्वदलीय टास्क फ़ोर्स का निर्माण राज्य स्तर से लेकर ज़िला स्तर तक करे, जो कोविड-19 के राहत कार्य की निगरानी एवं प्रशासन के साथ मिलकर कार्य करे।
  2. राहत कार्य के लिये वाहन पास निर्गत हों।
  3. सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं को भी राहत कार्य के लिये वाहन पास निर्गत होना चाहिये।

अंत में आनंद माधव ने कहा कि बाहर से जो प्रवासी मज़दूर आये हैं, उनको रहनें खाने और साफ सफ़ाई की समुचित व्यवस्था नहीं है। राजधानी पटना तक में दैनिक मज़दूर नमक पानी पी कर रात सोने को मजबूर हैं। हम सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं लेकिन सरकार हमें साथ लेकर नहीं चलना चाहती। सरकार को राजनीतिक दलों के साथ छूआ छूत का व्यवहार नहीं करना चाहिये। इस संकट की घड़ी में हम कोई राजनीति नहीं करना चाह रहे, लेकिन सरकार हमसे बचने की राजनीति कर रही है।

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