PoliticsTRENDING

बिहार Congress ने CM नीतीश को लिखा पत्र, कहा- COVID-19 के खिलाफ मिलजुल कर लड़ा जाए

पटना (जागता हिंदुस्तान) बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा, विधान सभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह, विधान परिषद सदस्य प्रेम चंद्र मिश्रा, विधायक राजेश राम एवं डॉ. शकील अहमद खान में अपनें संयुक्त हस्ताक्षर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख कर कहा कि कांग्रेड पार्टी कोरोना महामारी के ख़िलाफ़ लड़ाई में सरकार के साथ है। उन्होंने कहा है कि यह लड़ाई अकेले सरकार की नहीं बल्कि देश के एक एक नागरिकों की है। ऐसे में सबकी सहभागिता आवश्यक है। कांग्रेस नेताओं ने लड़ाई को और मज़बूती से मिलजुल कर लड़ाने की पेशकश करते हुए सोलह बिंदुओं को सरकार के समक्ष रखा है।

मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र में कांग्रेस नेताओं ने लिखा है कि “आज कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी से पूरा विश्व लड़ रहा है। बिहार में इस कोरोना महामारी के संकट के खिलाफ युद्ध में हम कांग्रेसजन सरकार के प्रयासों के साथ हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि हर स्तर पर सरकार का हम सहयोग करें। इसके लिये हमारे विधायकों ने एक-एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया, साथ ही अपनें कोष का भी पचास-पचास लाख रुपया इस मद में दान किया। कांग्रेसजन अपने स्तर पर भी अपनी क्षमता के अनुसार बिहार में तथा बिहार से बाहर फंसे बिहारियों की सेवा में लगे हुये हैं, लेकिन स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा। इसके मद्देनजर हम बिहार सरकार का ध्यान निम्नांकित बिंदुओं पर आकृष्ट करते हुए सरकार से यह जानना चाहेंगे कि:-

  1. अभी काफी संख्या में बिहारी, बिहार के बाहर फँसें हैं। हजारों लोगों ने अभी तक हमलोगों को संकट कॉल या कहें की सहायता कॉल भेजा है। जितना संभव हो सका हमनें उन्हें सहायता पहुंचाने का प्रयास किया है। अभी भी बहुत से राज्यों में बिहार के मजदूर साथी फंसे हुए है, जिन्हें मदद की आवश्यकता है।
  2. प्रवासी मजदूर, जो वापस आयें हैं, उनके ठहरने एवं रहने की व्यवस्था समुचित एवं संतोषजनक नहीं है? और आए दिन वहां से भागने, मारपीट की घटना की जानकारी मिलती रही है, ऐसे सभी केन्द्रों पर सुविधाओं के आभाव को तत्काल दूर करने, सुविधाएं बढ़ाने की आवश्यकता है।
  3. बंदी के दौरान राशन के कालाबाजारी की बात सामनें आ रही है, सरकार को इसका ध्यान रखना चाहिये। कई जगहों खाद्यान लेने गए लोगों स्थानीय सरकारी कर्मचारियों द्वारा पैसे की मांग की खबरें आई है। इस दिशा में व्यवस्था को तत्काल सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।
  4. बंदी के दौरान बिहार में कार्यरत दैनिक मजदूरों की स्थिति बहुत दयनीय हो गई है, सरकार द्वारा घोषित राशि, जो एक-एक हजार है, जो किसी भी परिवार के लिए पर्याप्त नहीं जान पड़ता। अतः कांग्रेड पार्टी आपसे आग्रह करती है कि तुरंत इनके खाते में दो-दो हजार रुपया भेजे, जिससे इन्हें राहत मिल सके।
  5. जिन लोगों का नाम बीपीएल खाते में नहीं है, लेकिन वे निहायत ही गरीब हैं, सरकार उनकी पहचान कर उन्हें भी सहायता राशि तथा राशन उपलब्ध कराये। आपने भी कई बार यह बात कही है कि आपदा के पैसों पर पहला अधिकारी जरूरतमंदों का है।
  6. विधायकों एवं विधान परिषद् सदस्यों द्वारा राहत कोष में दिये गये राशि में पूरी पारदर्शिता बरती जाय एवं प्रतिदिन जनता के सामनें उसका ब्योरा प्रस्तुत करे, और कांग्रेड चाहती है कि विधायको एवं विधान परिषद के एच्छिक कोष द्वारा कोरोना उन्मूलन कोष में दिए गए राशि का उपयोग उनके सम्बंधित जिला/क्षेत्र में करना ज्यादा उचित होगा।
  7. राहत कार्य करने एवं सरकार द्वारा किये जा रहे राहत कार्य में हर दल की सहभागिता आवश्यक है, जिससे उसपर नजर भी रखी जा सके। सरकार से आग्रह है कि पटना सहित प्रत्येक जिलों में समाजिक/राजनैतिक कार्यकर्ताओं को पास उपलब्ध कराया जाए, जिससे वे खुद भी यथा संभव राहत कार्य कर सकें एवं हो रहे राहत कार्य पर निगरानी रख सकें।
  8. जिलाधिकारी एवं सम्बंधित अधिकारियों को यह निर्देश दिया जाय कि वे विधायकों, विधान परिषद सदस्यों एवं पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का फोन उठाये अथवा अगर कहीं व्यस्त हैं तो बाद में उसका संज्ञांन लें।
  9. विपक्षी दलों को भी यह पूरा अधिकार है कि इस विपदा की घड़ी में सरकार के कार्यों में कदम से कदम मिला कर कार्य करें साथ ही क्या कार्य हो रहा है इसकी जानकारी लें।
  10. बंदी के कारण सड़क पर आवारा पशुओं की स्थिति बहुत दयनीय हो गयी है तथा भूख से जानवर हिंसक भी होते जा रहे हैं। इनके लिये सरकार क्या कर रही है?
  11. चिकित्सा व्यवस्था राज्य में बिलकुल चरमरा गई है। न मरीजों के लिये पर्याप्त संख्या में बेड है, ना ही क्वारंटाइन सेंटर, न ही पर्याप्त संख्या में आईसीयू और वेंटिलेटर ही उपलब्ध है। यहां तक की चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों के लिये व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की नितांत कमी है। आपने स्वयं भी प्रधानमंत्री से हुए वीडियों कांफ्रेंसिंग में लाखों की संख्या में पीपीई किट एन-95 सर्जिकल मास्क, 10000 जांच किट और 100 वेंटिलेटर की मांग की थी, जो यह बताने की पर्याप्त है कि राज्य में इन जरूरी उपकरणों की नितांत आवश्यकता है।
  12. राज्य के विभिन्न जिलों से प्रसव के लिए जा रही महिलाओं को अत्यंत कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। एक तो महिला चिकित्सकों दूसरी उन डाॅक्टरों की अन्य स्थानों पर की गई प्रतिनियुक्ति की वजह से सदर अस्पताल एवं अनुमंडल अस्पतालों में स्त्री रोग विशेषज्ञों की कमी की वजह से प्रसूति महिलाओं को कठिनाईयों का सामना कर पड़ रहा है। तत्काल ज़रूरी कदम उठाने की आवश्यकता है।
  13. कृपया यह सरकार बतायेगी कि इन परिस्थितियों में चिकित्सक या चिकित्साकर्मी कैसे अपनी जिम्मेवारी का निर्वाह कर पायेंगे। कैसे हम कोरोना जैसी महामारी से लड़ पायगें।
  14. सरकार बिना शर्त सभी स्तर के शिक्षकों को तुरंत उनके बकाये वेतन सहित दो महीनों का अग्रिम वेतन का भुगतान करे।
  15. सरकार से यह भी आग्रह है कि निजी कोचिंग संस्थान में पढ़ रहे छात्रों का इस अवधि के लिये फीस माफ करनें के लिये आदेश निकाले।
  16. बिहार के बाहर रह रहें लोगों के परिवार में यदि किसी की मृत्यु हो जाती है तो, उन्हें बिहार वापस लाने का प्रबंध भी किया जाए। इसके लिए अलग से हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाए, जो लोगों की मदद कर सकें।

हमें उम्मीद है की मुख्यमंत्री उपरोक्त बिंदुओं पर संज्ञांन लेते हुये संबंधित अधिकारियों को तुरंत दिशा-निर्देश देना चाहेंगे। इसके साथ ही हम पुनः दुहराना चाहेंगे कि महामारी और विपदा की घड़ी में हम सरकार के साथ हैं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *