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केंद्र ने बाहर फंसे लोगों को वापस लाने का रास्ता किया साफ, तो बिहार सरकार के फूले हाथ-पांव- आनंद माधव

पटना (जागता हिंदुस्तान) बिहार प्रदेश कांग्रेड कमिटी रिसर्च विभाग एवं मैनिफ़ेस्टो समिति के अध्यक्ष आनन्द माधव ने एक बयान जारी करके कहा है कि बिहार सरकार हर मोर्चे पर विफल होती नज़र आ रही है। अब जबकि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के नियमों में परिवर्तन करते हुये बिहार के बाहर फँसे बिहारी मज़दूर एवं छात्रों को वापस लाने का रास्ता साफ कर दिया है तो सरकार के हाथ पाँव फूल गये हैं।

आनंद माधव ने कहा कि सरकारी आंकड़े बताते हैं कि बाहर फंसे बिहारी मज़दूरों की संख्या 17 लाख से अधिक है, हालांकि ग़ैर सरकारी सूत्रों के हिसाब से यह संख्या 25 लाख के आस पास है।इतनें लोगों को वापस लानें के लिये सरकार के पास कोई साधन नहीं है, केंद्र सरकार के आगे हाथ पसार रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र भी आपकी और राज्य भी आपका तो बार बार आप हाथ क्यों पसार रहे। उन्होंने कहा कि सरकार के लिये एक तो पहले इन्हें लाना और फिर उन्हें क्वारंटाइन करना एक बहुत बड़ी चुनौती है।

माधव ने कहा कि यह तो स्पष्ट है कि इतनी बड़ी संख्यां में लोगों की जाँच करनें में बिहार का स्वास्थ्य विभाग कहीं से सक्षम नहीं है। सच्चाई तो यह है कि बिहार में स्वास्थ्य विभाग एक मज़ाक़ बन कर रह गया है। असफलता दर असफलता की कहानी लिखता चला आ रहा है, फिर इतनी बड़ी संख्या में लोगों का जाँच करना फिर इनको फॉलो-अप करना कहीं से संभव नहीं दिखता।

कांग्रेस नेता ने कहा विपक्ष की आप (नीतीश कुमार) कोई सलाह लेना नहीं चाहते और ना ही इसे प्रक्रिया में शामिल करते हैं। उन्होंने कहा कि इसका मूल कारण शायद यही है कि सरकार को डर है कि कही उनके राहत एवं अन्य कार्यों की पोल ना खुल जाये।

आनंद माधव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि कहा कि अगर आपसे राज नहीं सँभलता है तो गद्दी छोड़। पन्द्रह वर्षों से सत्ता में रहने के बाद भी अगर आप जनहित की नहीं सोच सकते तो आपको गद्दी पर रहनें का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि बहुत हो गया सुशासन का ढकोसला, जनता सब जान चुकी है कि आप मात्र कुर्सी बाबू हैं।

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