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एडवांटेज डायलॉग : केंद्र सरकार को GDP की 5% राशि स्वास्थ्य पर खर्च करनी चाहिए- डॉ. हई

पटना (जागता हिन्दुतान) बिहार के जानेमाने सर्जन और पारस एचएमआरआई सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, राजा बाजार, पटना के जेनरल सर्जरी विभाग के डायरेक्टर डॉ. एए हई ने कहा है कि भारत सरकार को अपने जीडीपी की 5 प्रतिशत राशि स्वास्थ्य पर खर्च करनी चाहिए। पहले यह रकम दो फीसदी और अभी 1.4 प्रतिशत खर्च की जा रही है। बढ़ी हुई रकम प्राथमिक स्वास्थ्य पर खर्च होना चाहिए। उन्होंने बताया कि विदेशों में तो स्वास्थ्य पर काफी राशि खर्च की जाती है। क्यूबा में तो 12.5 प्रतिशत तक खर्च की जाती है। उन्होंने बिहार सरकार से एक अंतरराष्ट्रीय वायरोलॉजिकल प्रयोगशाला बनाने की भी मांग की। डॉक्टर हई ने कहा कि कोरोना जैसे महामारी से लड़ने के लिए शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहिए। इसके लिए लोगों को अपने भोजन में विटामिन ए, सी और डी को शामिल करना चाहिए। संतुलित और स्वास्थ्यकारी भोजन लेने के लिए रोटी, चावल तथा हरी सब्जी के साथ फल, दूध, दही, मछली, मुर्गा तथा अण्डे का सेवन करना चाहिए। नींबू और आंवला का सेवन भी करना चाहिए। वे शनिवार को गूगल मीट पर एडवांटेज डायलॉग के शुरूआती सेशन में बोल रहे थें।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने में हमें सकारात्मक मानसिक सोच अपनानी होगी। केन्द्र और राज्य सरकार काफी काम कर रही है। हमे लॉकडाउन का सहर्श अनुपालन कराना चाहिए। इस बीमारी से लड़ने के लिए हमे अपना मनोबल बढ़ाये रखना होगा। उन्होंने कहा कि हमें प्राथमिक स्वास्थ्य पर अधिक खर्च करना होगा तथा लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता जगाना होगा।

डॉक्टर समेत कोरोना योद्धाओं पर हो रहे हमले के बारे में डॉ. हई ने कहा कि डॉक्टर भगवान नही होता, वह तो कष्ट सहकर आपका इलाज करता है। इलाज शुरू करने से पहले वह जो मास्क और किट पहनता है, उसे अपनी पूरी ड्यूटी में निकालना संभव नहीं हो पाता। अब जरा सोचिए कि इस दौरान वह न भोजन कर सकता है और ना ही शौचालय का इस्तेमाल कर सकता है। इन परिस्थितियों में भी उन पर हमले हो तो उनकी मनोदशा क्या होती होगी। उन्होंने मास्क पहनने को अनिवार्य बताते हुए कहा कि इससे आप सुरक्षित रहते हैं। शनिवार से शुरू हुए पाक महीना रमजान के संदर्भ का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका, इंगलैंड तथा जापान के वैज्ञानिक आज कल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए किसी प्रकार के उपवास पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कोरोना बिल्कुल नयी बीमारी है, इसका अभी तक कोई इलाज या वैक्सीन नहीं बन पाया है, इसलिए हमलोगों को सोशल डिस्टेंसिंग को अपना कर इससे बचाव करना चाहिए। हर घंटे हाथ धोने का अर्थ है कि आप अपने को स्वच्छ रखकर कोरोना से बचाव कर सकते हैं।

डॉ .रत्ना पुरकायस्थ।

पटना दुरदर्शन केन्द्र की प्रोग्राम अधिकारी डॉ .रत्ना पुरकायस्थ ने डॉक्टर हई से कोरोना पर विस्तार से बातचीत की।

खुर्शीद अहमद, सीईओ, एडवांटेज ग्रुप।

इससे पूर्व एडवांटेज ग्रुप के संस्थापक और सीइओ खुर्शीद अहमद ने सेशन की शुरूआत करते हुए डॉ. हई, डॉ. रत्ना पुरकायस्थ समेत सारे श्रोताओं का स्वागत किया। उन्होने कहा कि अभी हमलोग लॉकडाउन में हैं। चुनौतियां काफी है इसलिए हमने लॉकडाउन में डायलॉग के आयोजन का फैसला किया कि हम अपने इस प्रयास से लोगों को कुछ महत्वपूर्ण व उपयोगी चीजें दे सकें। डायलॉग के 24 एपिसोड पूरा करने के बाद मैं एक कॉन्क्लेव करूंगा, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बुलाने का प्रयास करूंगा।

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