बच्चों और युवाओं को तंबाकू सेवन से बचाए जाने की जरूरत- मंगल पांडे
पटना (जागता हिंदुस्तान) स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार की संस्थान राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं अनुसंधान संस्थान और स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार के संयुक्त तत्वाधान में चबाने वाले तंबाकू के कानूनी प्रावधानों का प्रभाव अनुपालन हेतु पटना में दो दिवसीय राष्ट्रीय कंसल्टेशन का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत पहले दिन मंगलवार को होटल चाणक्य में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने स्मोकलेस तंबाकू पर तैयार किया गया फैक्ट शीट का विमोचन किया। वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री बताया कि देशभर में करीब 20 करोड लोग चबाने वाले तंबाकू का सेवन करते हैं। बिहार में चबाने वाले तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या लगभग पौने दो करोड़ के करीब है जो कि नीदरलैंड जैसे देश की पूरी जनसंख्या के बराबर है। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर इन आंकड़ों पर गहन चिंतन करने की आवश्यकता है। तंबाकू सेवन के आंकड़ों को और कम करने के लिए हम सबों को सतत प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य में मानव ही इसकी पूंजी है। अगर बीमारी के कारण मानव पर असर होता है तो उसका सीधा असर राज्य की अर्थव्यवस्था पर होता है। 10 मंत्री ने कहा कि तंबाकू से होने वाले कैंसर जैसी बीमारी से लोगों को बचाने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। राज्य को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए आम लोगों को भी सहयोग करने की जरूरत है। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिहार की मिट्टी में बहुत ताकत है। यह बुद्ध और महावीर की धरती है। इस धरती थे जब भी कोई संदेश निकलता है तो उसका वैश्विक और राष्ट्रीय प्रभाव होता है। स्वास्थ्य मंत्री ने उम्मीद जताते हुए कहा कि आज की परिचर्चा पर भी जो संदेश निकलेगा, उसका भी पूरे देश में असर होगा। मंगल पांडे ने कहा कि हम सब का उद्देश्य यही है कि बिहार को तंबाकू मुक्त बनाएंगे। उन्होंने बिहार वासियों से राज्य को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए आगे आने की भी अपील की है।
प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि तंबाकू का उपयोग पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है लेकिन इसका कारोबार और उपयोग विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है। प्रधान सचिव ने कहा कि तंबाकू से सरकार को जितना देवे नहीं मिलता है उससे कहीं अधिक इससे होने वाली बीमारियों पर खर्च हो जाता है। उन्होंने कहा कि तंबाकू के खिलाफ जागरूकता अभियान जरूरी है।
इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं अनुसंधान संस्थान की निदेशक का शालिनी सिंह ने बताया कि प्रत्येक वर्ष भारत में तंबाकू जनित रोगों से लगभग 13 लाख लोगों की मौत हो रही है, जो देश के लिए गंभीर समस्या है। लगभग 90% मुंह का कैंसर तंबाकू सेवन करने वालों में होता है। तंबाकू सेवन मुख के अतिरिक्त गला, फेफड़ों, कंठ, मूत्राशय, गुर्दा आदि का भी कैंसर पैदा कर सकता है। इसके सेवन से हृदय और रक्त संबंधी बीमारियां, प्रजनन क्षमता में कमी, बांझपन जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति की आयु धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति की तुलना में 22 से 28% कम होती है। फेफड़े का कैंसर होने का खतरा 20 से 25 गुना अधिक रहता है जब की अचानक मौत होने का खतरा 3 गुना ज्यादा हो जाता है।
कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के खाद्य संरक्षा आयुक्त, खाद्य संरक्षा विभाग के पदाधिकारी, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार, स्वास्थ विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर, सोशियो इकोनामिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी (सीड) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा, स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के प्रतिनिधि डॉ. स्वास्तिचारण, स्वास्थ्य मंत्रालय की पॉलिसी सलाहकार पूजा गुप्ता, दी यूनियन के प्रणय लाल, डब्ल्यूएचओ के पूर्व क्षेत्रीय सलाहकार डॉ धीरेंद्र सिन्हा, कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर विजय प्रताप सिंह, तंबाकू नियंत्रण के लीगल एक्सपर्ट रंजीत सिंह सहित स्वास्थ विभाग के वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।