CORONA : सीएम नीतीश ने स्वास्थ्य विभाग के साथ की VC, सघन स्क्रीनिंग व टेस्टिंग का दिया निर्देश
पटना (जागता हिंदुस्तान) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग के साथ गहन समीक्षा की। प्रधान सचिव स्वास्थ्य संजय कुमार ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये किये जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर आवश्यक चिकित्सकीय सामग्री एवं उपकरणों की उपलब्धता को बनाये रखने के लिये सप्लाई चेन सिस्टम पर गंभीरतापूर्वक कार्य किया जा रहा है। आपातकालीन स्थितियों के लिये जरूरी चिकित्सकीय सामग्री की उपलब्धता को सुनिश्चित कराया जा रहा है। आईसीएमआर ने एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर को टेस्टिंग के लिये अनुमति दे दी है। एम्स पटना के लिये आवश्यक निर्देश दिया गया है, जिसके अनुरूप कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में सेनिटाइजर की पर्याप्त उपलब्धता है। वैशाली में सेनिटाइजर के निर्माण के अलावा राजगीर के आर्डिनेंस फैक्ट्री में भी सेनिटाइजर बनाया जा रहा है, जिसकी आपूर्ति राज्य सरकार अपने लिये करायेगी चिकित्सकीय कार्य से जुड़े डाॅक्टर, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ को जरूरी सुरक्षात्मक सामग्री भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं। फ्रंटलाइन वर्कर को भी मास्क उपलब्ध कराया जा रहा है।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के संकट से पूरी दुनिया गुजर रही है। सभी लोग इससे निपटने के लिये अपने-अपने स्तर से प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जरूरी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुये दवाओं, पीपीई, मास्क, ग्लब्स एवं अन्य जरूरी चिकित्सकीय सामानों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। परिस्थितियों पर नजर रखते हुये इन चीजों की उपलब्धता का आंकलन हमेशा करते रहें और उसकी आपूर्ति के लिये जरूरी कदम उठाये। केन्द्र सरकार से भी जिन चीजों की माॅग की गयी है, उसके संबंध में निरंतर सम्पर्क में रहें। दवाओं एवं उपकरणों के क्रय हेतु राशि की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिये कोरोना उन्मूलन कोष का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टेस्टिंग किट्स, पीपीई, एन-95 मास्क एवं वेंटिलेटर की उपलब्धता पर विशेष ध्यान रखें। सीमा पर आवश्यक सेवा में इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों की भी सघन जाॅच करायी जाय। जो भी लोग राज्य में बाहर से आते हैं, उनकी गहन स्क्रीनिंग करायी जाय ताकि कोई संदिग्ध मरीज न छूटे। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ पदाधिकारी इसका अनुश्रवण करें। राज्य में चार जगहों पर टेस्टिंग की सुविधा है। उन चार जगहों में और टेस्टिंग कैपिसिटी बढ़ायी जाय। जो मुझे जानकारी दी गयी है, एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर में जांच कार्य की अनुमति दे दी गयी है, जिसे जल्द शुरू किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के अलावा अन्य बीमारियों के इलाज के लिये भी कार्य करना होगा। जिला अस्पतालों एवं अनुमण्डलीय अस्पतालों में सामान्य मरीजों का उपचार शुरू किया जाय। प्रधान सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि सबसे पहले आपातकालीन सेवा तथा संस्थागत प्रसव का कार्य शुरू करने की योजना है। उसके बाद ओपीडी सेवा भी प्रारंभ कर दी जायेगी ताकि अन्य मरीजों के उपचार में कोई दिक्कत न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला एवं अनुमण्डल अस्पतालों में प्रोटेक्शन नॉर्म्स का पूर्ण पालन हो। पीपीई, मास्क, ग्लब्स उपलब्ध हो, इसे सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि सभी निजी अस्पतालों में भी सामान्य मरीजों का इलाज आरंभ होना चाहिये। मुख्यमंत्री ने एम्बुलेंस सेवाओं को लेकर भी सख्त निर्देश दिया है। उन्होंने कोविड-19 के साथ ही अन्य मरीजों के लिये भी एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। निजी एंबुलेंस संचालक को भी पर्याप्त ट्रेनिंग देकर एंबुलेंस को उपयोग में लाया जाना चाहिये और एंबुलेंस की व्यवस्था सभी के लिये हो। उन्होंने कहा कि जरूरी दवाओं की खरीद करें ताकि पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता बनी रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एईएस और जापानी इंसेफ्लाइटिस से निपटने के लिये पर्याप्त तैयारी रखें। पेडियोट्रिक इनटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) अस्पताल को अविलम्ब पूर्ण कर इलाज के लिये तैयार रखें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये जे0ई0 के पूर्ण टीकाकरण का कार्य आरंभ होना चाहिये और इस कार्य में लगाये जाने वाले मेडिकल स्टाफ की भी सुरक्षा का ध्यान रखा जाना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि जिन्हें भी संक्रमण की थोड़ी भी आशंका हो तो वे जाॅच केन्द्र पर जाकर जाॅच करायें, इससे उनके परिवार एवं आसपास के लोग भी सुरक्षित रहेंगे। जो लोग बिहार से बाहर या देश से बाहर की यात्रा कर आये हैं, वे अपनी ट्रेवल हिस्ट्री को न छिपायें। इससे उन्हें तो खतरा है ही, उनके सम्पर्क में आने वाले अपने लोगों को भी खतरा है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के द्वारा दिये गये निर्देशों का लोग पालन करें।
बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, प्रधान सचिव स्वास्थ्य संजय कुमार, सचिव स्वास्थ्य सह जल संसाधन संजीव हंस, सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरीय अधिकारी जुड़े हुये थे।