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बिहार में कोरोना की स्थिति बद से बदतर, फिर भी नहीं जाग रही नीतीश सरकार की अंतरात्मा- डॉ. शशि पटेल

पटना (जागता हिंदुस्तान) कोरोना महामारी के बीच बिहार सरकार के कार्यों एवं राज्य की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर सर्व धर्म एकता अभियान के राष्ट्रीय सलाहकार डॉ. शशि पटेल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा है।

डॉ. पटेल ने कहा कि वर्तमान में कोरोना महामारी एक बड़ी समस्या है और इससे निपटने में बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से फेल है। कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती रही है। हर दिन स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। राज्य के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को समझ नहीं आ रहा है कि स्थिति को सामान्य कैसे किया जाए। अस्पतालों की बात करें तो बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच समेत सभी अस्पतालों की स्थिति बद से बदतर है। तीन महीने के अंदर स्वास्थ्य विभाग के तीन सचिव बदल दिए गए, फिर भी हालात नहीं सुधरे। कोरोना के मामले में जितनी भयावह स्थिति बिहार की है उतनी शायद ही किसी अन्य राज्य की होगी। उन्होंने कोरोना मामले की समीक्षा को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के बिहार दौरे को लेकर कहा कि यहां केंद्रीय जांच के बाद जो बताती है राज्य सरकार उससे अलग जानकारी देती है। डॉक्टर पटेल ने कहा कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी है और राज्य सरकार को शर्म आनी चाहिए कि ऐसी स्थिति में भी उसकी अंतरात्मा नहीं जाग रही। डॉ. पटेल ने सीधे तौर पर कहा कि वह अपनी बात मीडिया के माध्यम से सरकार के कानों तक पहुंचाना चाहते हैं कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का अविलंब इस्तीफा लिया जाए और किसी अच्छे मंत्री को स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी जाए।

इसके साथ ही डॉ. शशि पटेल करुणा को लेकर सरकार द्वारा लगभग 84 सौ करोड रुपए खर्च करने के दावे को पूरी तरह से नकारते हुए कहा कि कोरोना के नाम पर खर्च किए गए पैसे जनता तक पहुंचने के बजाय राज्य सरकार द्वारा इन पैसों की बंदरबांट की गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री से लेकर सरकार तक सभी मिले हुए हैं। अगर इतने पैसे खर्च होते तो उसका असर जमीनी स्तर पर नजर आता। यहां के अस्पतालों में पानी नहीं भरा होता और ना उसमें मछलियां तैर रही होती। उन्होंने कहा कि एक तरफ डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों और अस्पतालों के रखरखाव के लिए पैसे नहीं दिए जाते हो दूसरी तरफ सरकार इतनी बड़ी राशि खर्च करने की बात करती है। पता पटेल ने कहां की चाहे स्वास्थ्य विभाग हो या आपदा विभाग, सभी जगह एजेंटों के माध्यम से सरकारी पैसों की बंदरबांट होती है।

इसके साथ ही डॉक्टर शशि पटेल ने गोपालगंज स्थित बंगरा घाट क्षेत्र के उद्घाटन के चंद घंटे बाद ही उसके एप्रोच पथ के ध्वस्त होने के मामले को लेकर भी बिहार सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यहां पुल और सड़कों की हालत देखिए। मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन के चंद घंटों बाद बंगरा घाट पुल कहां पहुंच पथ ध्वस्त हो गया। इससे पहले गोपालगंज में ही गंडक नदी पर बना सत्तरघाट महासेतु उद्घाटन के कुछ रोज बाद ही ध्वस्त हो गया। उन्होंने सरकारी आंकड़ों को लेकर कहा कि राज्य सरकार केवल मीडिया मैनेजमेंट कर झूठे आंकड़ों के सहारे जनता की आंखों में धूल झोंक कर वाहवाही बटोरना चाहती है लेकिन जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी।

वहीं बिहार में बाढ़ की भयावह स्थिति को लेकर भी डॉ. शशि पटेल ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि एक तरफ बिहार में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है वहीं दूसरी तरफ सरकार और उनके मंत्रियों के लिए बहार आ गई है। सरकार इसका कोई स्थाई निदान नहीं निकाल पा रही है बल्कि फ्लड मैनेजमेंट के नाम पर जो बजट आवंटित होता है, उससे मंत्रियों की बहार आ जाती है।

डॉ. शशि पटेल ने सीधे तौर पर कहा कि जिस तरह से राज्य सरकार चुनाव से पहले दनादन पुलों, सड़कों और अन्य योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर जनता को लॉलीपॉप देने की कोशिश कर रही है तो आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता उसका जवाब भी देगी।

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