CSC और CocaCola इंडिया ने ग्रामीण भारत में पहुँच बढ़ाने के लिये किया समझौता
पटना (जागता हिंदुस्तान) इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत कॉमन सर्विस सेंटर्स ने गुरुवार को अपने ग्रामीण ईस्टोर प्लेटफॉर्म पर कोका-कोला के उत्पादों को सूचीबद्ध करने के लिये कोका-कोला इंडिया के साथ भागीदारी की घोषणा की है। इस प्रकार स्थानीय उद्यमियों और ई-किराना स्टोर्स के माध्यम से ग्रामीण भारत में घर-घर उपभोक्ता उत्पादों की उपलब्धता को बढ़ावा दिया जाएगा।
यह भागीदारी सीएससी के ग्रामीण ईस्टोर प्लेटफॉर्म के माध्यम से किफायती एवं जरूरी हाइड्रेशन को उपलब्ध कराएगी। पायलट फेज में कोका-कोला के उत्पाद आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्यों के ग्रामीण ईस्टोर पर सूचीबद्ध होंगे।
सीएससी और कोका-कोला की भागीदारी लोगों के घर जरूरी और किफायती हाइड्रेशन की लास्ट माइल कनेक्टिविटी प्रदान करने तथा विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर्स (वीएलई) को सप्लाई पॉइंट्स की मैपिंग द्वारा ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने व आजीविका निर्मित करने के दोहरे उद्देश्य को पूरा करती है।

सीएससी के ग्रामीण ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के बारे में सीएससी एसपीवी के सीईओ डॉ. दिनेश त्यागी ने कहा, ‘‘ग्रामीण ई-स्टोर का आइडिया प्रधानमंत्री के ‘लोकल फॉर वोकल’ की मांग को सार्थक करता है। इस पहल के माध्यम से वीएलई उत्पादकों और कंपनियों को ग्रामीण उपभोक्ताओं के घरों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। कोका कोला के साथ भागीदारी से स्टोर्स की पेशकश में विविधता आएगी और ग्राहकों को नये उत्पाद मिलेंगे। इस प्रकार दोनों को फायदा होगा।’’
इस भागीदारी की घोषणा करते हुए कोका-कोला इंडिया एवं दक्षिण पश्चिम एशिया के प्रेसिडेन्ट टी. कृष्णकुमार ने कहा, ‘‘हम अपने ग्रामीण नागरिकों के डिजिटल और आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करने के सीएससी के प्रयास में भागीदार बनकर गर्व का अनुभव कर रहे हैं। इस पहल से हम लास्ट माइक कनेक्टिविटी द्वारा सुनिश्चित करेंगे कि लोग हाइड्रेटेड रहें और उनके पास पेयों के विकल्प हों। यह जिम्मेदार कार्यों और साझा वृद्धि के माध्यम से भारत में एक स्थायी व्यवसाय निर्मित करने के लिये हमारी लंबी अवधि की प्रतिबद्धता पर जोर देता है।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम एक संपूर्ण पेय कंपनी हैं, जिसकी जड़ें स्थानीय हैं और हमने अपनी पसंद और पहुँच, दोनों के संदर्भ में क्षेत्रीय जुड़ाव को मजबूत करने पर केन्द्रित हाइपरलोकल रणनीति अपनाई है। एक ओर हम बेवरेज लोकलाइजेशन को उन्नत कर रहे हैं और विभिन्न क्षेत्रों तथा स्वादों के अनुसार एक एथनिक बेवरेज पोर्टफोलियो विकसित कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हम ‘नये नियम’ के अनुकूल बन रहे हैं और अपने उपभोक्ताओं के लिये उनकी पसंद के पेयों की लास्ट माइल डिलीवरी बढ़ाने के लिये उसकी दक्षता का उपयोग कर रहे हैं।’’