कांग्रेस नेता ललन कुमार के नेतृत्व में राज्यपाल से मिला प्रतिनिधिमंडल, सुशांत आत्महत्या मामले को लेकर सौंपा ज्ञापन
पटना (जागता हिंदुस्तान) बिहार युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और फिल्म सेंसर बोर्ड के परामर्श दात्री समिति के पूर्व सदस्य ललन कुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल फागू चौहानी से मुलाकात कर बाॅलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले की सीबीआई सजांच कराने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधि मंडल द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि जैसा कि पिछले कई दिनों से देश के तमाम टीवी चैनल पर फिल्म उद्योग जगत के होनहार उभरता हुआ सितारा सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या की खबरें निरंतर दिखाई जा रही है, मन काफी व्यथित है। आपके द्वारा भी इस होनहार अभिनेता के खोने का दुख ट्विटर के माध्यम से पढ़ने-सुनने को मिला, आपके ट्वीट से हमें काफी बल मिला और मैं समझता हूँ इस कठिन घड़ी में सुशांत के परिवार को भी बहुत बड़ा संबल मिला होगा, ऐसा विश्वास है।
कांग्रेस नेता ललन कुमार ने ज्ञापन में लिखा कि, “पिछले दो दिनों से मैं काफी व्यथित हूँ, पता नहीं क्यों सुशांत की आत्महत्या मेरे गले के नीचे नहीं उतर रही, जो लड़का दिमागी रूप से इतना मजबूत हो, जो अपने दम पर इंजीनियरिंग के आॅल इंडिया रैंकिंग में टाॅपर रहा हो, जो अपने दम पर बहुत ही कम समय में बिना किसी के सहयोग से इस मुकाम पर पहुंचा हो, वो अचानक से आत्महत्या जैसी हरकत तो नहीं कर सकता? मुझे विश्वास नहीं हो रहा है। सुशांत के इंटरव्यू देखने के बाद मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि यह इंडस्ट्री उसको बुद्धिमानी एवं कौशल को समझ नहीं सकी, उसकी शब्दों में बहुत सारे अर्थ छुपा होता था। मुझे सहानुभूति वहां संघर्षरत सैकड़ों बिहारी कलाकारों की बदकिस्मती से है। मन में आक्रोष है बाॅलीवुड के उस घिनौने चलन के खिलाफ जिसमें कलाकार को रेस का घोड़ा समझा जाता है। मुम्बई जैसी मायानगरी में फिल्मों के किरदार निभाते-निभाते आदमी स्वाभाविक रह भी कहा जाता है।”
ललन कुमार ने आगे लिखा, “विडंबना ये है कि दूसरे परिवेश से आया कोई भी अभिनेता उधार की संस्कृति में भले हीं खुद को ढाल ले लेकिन वो संस्कृति उसे नहीं अपना पाती, इतना तो तय है। अपनी जड़ों से कटा आदमी डाल से छूटा बंदर के समान होता है। हमारे शास्त्रों में मातृ, पितृ और देव ऋण की चर्चा यूं हीं नहीं की गई है। हम सभी का दुर्भाग्य है की उसी मायानगरी में हमारे बिहार का एक धूमकेतु की तरह चमकता सितारा, चंद मुट्ठी भर तथाकथित कातिलों का शिकार हो गया।”
उन्होंने राज्यपाल फागू चौहान को संबोधित करते हुए लिखा, “सर्वविदित है कि फिल्मी दुनिया में आये दिन तथाकथित वर्चस्व की लड़ाई में हमने अनेक उभरते अभिनेता एवं अभिनेत्री को खोया है, इसके पीछे का का राज़ जानना काफी आवश्यक है। आप हमारे पूर्वांचल के बड़े नेता के तौर पर अपना बहुमूल्य समय दिये हैं। आप के रहते हम बिहार एवं उत्तर प्रदेश के लोगों को कब इंसाफ मिलेगा? फिल्मी दुनिया क्या किसी एक परिवार की बपौती है, क्या कुछ लोगों का समूह ही चला सकता है या केवल एक खास राज्य व समुदाय के लोग ही वहां पर काम कर सकते हैं ? विगत दिनों वहां के एक तथाकथित राजनीतिक दल के मुखिया ने पूर्वांचल के लोगों को अपमानित कर भगाने का काम किया। अपने हिन्दुस्तान में यह कब तक ? हमारा हिन्दुस्तान तो सबके लिए है न ? फिर इतना भेदभाव इस देश में, इस फिल्मी नगरी में क्यों ? राज्यपाल जी, मेरा मानना है कि सुशांत की मृत्यु आत्महत्या नहीं बल्कि, मानसिक स्थिति को शिथिल करते हुए बर्बरता पूर्वक एक सोची-समझी एवं प्लांड वे में की हुई घिनौनी हत्या है, जिसकी उच्चस्तरीय जांच सीबीआई से होनी चाहिए ताकि भविष्य में हमारे समाज के होनहार बच्चे एवं बच्चियों को आने वाले समय में इस दुखद पीड़ा से रूबरू ना होना पड़े। आपसे काफी उम्मीदें हैं। इस देश की जनता को खासकर नौजवान वर्ग में, क्या आपके कुशल नेतृत्व में इस भेदभाव को खत्म नहीं किया जा सकता?
उपरोक्त परिस्थिति में महामहिम राज्यपाल महोदय से निम्नांकित मांग हैः-
- सुशांत सिंह राजपूत की मामले की जाँच सीबीआई से कराने हेतु भारत सरकार से अनुशंसा किया जाय।
- राजगीर में बन रही फिल्म सिटी को सुशांत सिंह राजपूत के नाम से नामांकित करने हेतु बिहार सरकार को निर्देशित करने की कृपा की जाय।
- राष्ट्रपति महोदय को कला साहित्य, विज्ञान, खेल समाज सेवा, सार्वजनिक जीवन आदि में विषिष्ट योगदान देने हेतु पद्मश्री से अलंकृत करने हेतु अनुशंसा करने की कृपा की जाय।
- सुशांत की अंतिम फिल्म को राज्य के सिनेमा घरों में टैक्स फ्री करने हेतु राज्य सरकार और भारत सरकार को पूरे देश में निर्देशित एवं अनुशंसा करने की कृपा की जाय।
- राजीव नगर, पटना में इनके आवास जाने वाले पथ एंव चौराहा को सुशांत सिंह राजपूत के नाम से नामांकित करने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित किया जाय, जिससे बिहार के युवाओं के लिए एवं आने वाले भविष्य के बच्चों प्रेरणा लेते रहें।
आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि इस दिशा में आपके द्वारा समाज के हित में कठोर दंडात्मक कार्यवाही हेतु उचित आदेश पारित होगा।
वहीं, बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के पुर्व महासचिव शाकिर अली ने कहा कि सुशांत राजपूत की मौत को ज़ाया नहीं होने देंगे। किसी भी इंसान को शिखर तक पहुंचने के लिए निरंतर प्रयास करना होता है इसलिए उनके मेहनत को इतनी आसानी से मिट्टी में नहीं मिलने देंगे।
इस अवसर पर अध्यक्ष पटना युवा कांग्रेस मुकुल यादव, युवा नेता राजेश कुमार, बिहार महिला कांग्रेस महासचिव ईशा यादव, पूनम यादव एंव कला की दुनिया से प्रियंका ने भी उपस्थिति दर्ज की।