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सदन में पेश हुआ आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20, बोले वित्त मंत्री- बिहार की विकास दर लगातार देश से ऊपर

पटना (जागता हिंदुस्तान) बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन सदन के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण 2,019-20 की रिपोर्ट पेश की गई। इस संबंध में उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि देश के किसी भी राज्य की तुलना में ज्यादा सटीक और ज्यादा विश्वसनीय आंकड़ों के साथ बिहार आर्थिक सर्वेक्षण प्रत्येक वर्ष पेश किया जाता है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि बीते 3 वर्षों से लगातार बिहार की विकास दर भारत की विकास दर से अधिक दर से चल रही है। उन्होंने बताया कि 2018-19 में बिहार की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर स्थिर मूल्य पर 10.53% और वर्तमान मूल्य पर 15.01% रही। वित्त मंत्री ने कहा कि 2018-19 में हमने दो अंकों में विकास दर को प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि पिछले 3 वर्षों की विकास दर को अगर देखा जाए तो हमने लगातार 10% से अधिक की विकास दर हासिल की है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में वर्तमान मूल्य पर बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 5,57,490 करोड़ों रुपए और 2011-12 के स्थिर मूल्य पर 3,94,350 करोड़ रुपए था। वहीं 2018-19 में राज्य में सकल राज्य घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य पर 5,13,881 करोड़ रुपए और स्थिर मूल्य पर 3,59,030 करोड़ रुपए था। इसके नतीजे में 2018-19 में प्रति व्यक्ति सकल राज्य घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य पर 47,641 रुपये और स्थिर मूल्य पर 33,629 रुपये था। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में राज्य सरकार की उपलब्धियों को भी गिनवाया।

यह देखिए रिपोर्ट की मुख्य बातें:-

बता दें कि 2005 में एनडीए की सरकार बनने के बाद मुख्य बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करने की परिपाटी शुरू की गई जिसके बाद से लगातार इसे पेश किया जा रहा है। इस बार राज्य सरकार ने अपना 14वां आर्थिक सर्वेक्षण (2019-20) पेश किया है।

सर्वेक्षण में 14 अध्याय हैं। इनमें मुख्य अध्याय के अतिरिक्त 13 अध्याय हैं जिनमें राज्य की वित्त व्यवस्था, कृषि एवं सहवर्ती क्षेत्र, उद्यमिता क्षेत्र, श्रम रोजगार एवं प्रवास, अधिसंरचना, ऊर्जा क्षेत्र, ग्रामीण विकास, नगर विकास, बैंकिंग एवं सहवर्ती क्षेत्र, मानव विकास, बाल विकास, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन तथा शासन शामिल है। इस वर्ष सर्वेक्षण में पहली बार पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन तथा इस शासन को जोड़ा गया है।

गौरतलब है कि बिहार विधानमंडल का बजट सत्र 24 फरवरी से 31 मार्च तक चलेगा, जिसमें कुल 22 बैठकें होंगी। दूसरी तरफ बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने भी सीएए, एनआरसी और एनपीआर समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है।

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