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सरकार से मायूस पैक्स प्रबंधक संघ ने विपक्षी दलों का खटखटाया दरवाजा, पत्र लिखकर मांगी मदद

पटना (जागता हिंदुस्तान) पैक्स प्रबंधकों को सरकारी कर्मी घोषित करने समय अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राज्य सरकार से लगातार गुहार लगाकर मायूस हो चुके पैक्स प्रबंधक संघ ने अब विपक्षी दलों का दरवाजा खटखटाया है। अपनी मांगों को लेकर पैक्स प्रबंधक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार गुप्ता ने सभी दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों के नाम बाकायदा पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है। अजय गुप्ता ने अपने पत्र में बीते मार्च से पैक्स प्रबंधक संघ द्वारा अपनी मांगों को लेकर सरकार के विरुद्ध किए जा रहे संघर्ष के संदर्भ में विस्तार पूर्वक लिखते हुए विपक्षी दलों से आवाज उठाने के साथ-साथ प्रबंधकों के मुद्दे को चुनावी घोषणा पत्र में भी शामिल करने की अपील की है।

अजय गुप्ता ने बिहार के सभी विपक्षी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्षों के नाम अपने पत्र में लिखा है, “राज्य के 8463 पैक्सों मे दशकों से पैक्स प्रबंधक कार्यरत हैं,जो पैक्सों के सभी कार्यों यथा धान अधिप्राप्ति,गेहूँ अधिप्राप्ति,बैंकिग कार्य,जन वितरण प्रणाली संचालन,फसल बीमा इत्यादि को संचालित करते हैं । पैक्स प्रबंधक संघ,बिहार द्वारा कई वर्षों से पैक्स प्रबंधकों को सरकारी कर्मी का दर्जा हेतु माँग की जा रही है किंतु सरकार सिर्फ और सिर्फ आश्वासन देती है । गत वर्षों के भाँति इस वर्ष भी संघ द्वारा अपनी माँगों के पूर्ति हेतु बजट सत्र के दौरान गर्दनीबाग पटना से विधान सभा मार्च किया गया एंव दिनांक 05.03.2020 को प्रेस काँफ्रेस के माध्यम से मुख्यमंत्री एंव सहकारिता मंत्री से दिनांक 20.03.2020 तक सरकारी कर्मी का दर्जा हेतु अनुरोध किया गया अन्यथा की स्थिति मे संघ के प्रदेश कोर कमिटी के सभी सदस्यों के द्वारा दिनांक 25.03.2020 को विधान सभा के समक्ष सामूहिक रूप से आत्मदाह करने की जानकारी दी गयी थी । सहकारिता मंत्री द्वारा मिडिया के माध्यम से एंव अधोहस्ताक्षरी को भी आशवस्त किया गया कि होली के बाद सरकार प्रबंधकों के माँग पर सकारात्मक निर्णय लेगी जो प्रबंधक हित मे एंव होली पर्व के अवसर पर उपहार स्वरूप होगा किंतु सरकार कोरोना के बहाने फिर एक बार नजरअदांज कर रही है जबकि अन्य राज्यों के पैक्सों मे कार्यरत प्रबंधकों को सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं से संबंधित सेवा-शर्त नियमावली भी माननीय सहकारिता मंत्री महोदय को उपलब्ध करायी जा चूकी है । एक तरफ लाँक-डाउन मे जनता भूखमरी से परेशान है तो दूसरी तरफ सरकार सत्ता मे बने रहने हेतु चुनाव की तैयारी मे व्यस्त है जो सरकार की मंशा को उजागर करती है।”

उन्होंने लिखा कि सरकार द्वारा पैक्सों को वृहत पैमाने पर विकसित न कर पैक्सों के बुनियादी ढाँचें को ही कमजोर कर रही है जबकि सरकार द्वारा अन्य राज्यों के पैक्सों के भाँति पैक्सों मे बैंकिग व्यवस्था के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले गरीब परिवारों को एक लाख (100,000) तक की लोन ब्याज मुक्त देना चाहिए एंव सरकार को स्वंय ब्याज का वहन करना चाहिए और पैक्सों मे गैस एजेंसियों की व्यवस्था होनी चाहिए और मखाना व अन्य के साथ-साथ मक्का की खेती का बढावा देकर पशु आहार का ब्राडिंग करते हुए अन्य राज्यों मे भी आपूर्ति करना चाहिए जिससे किसानों के आय मे वृद्धि होने के साथ-साथ रोजगार का सृजन भी होगा और बेरोजगारी भी दूर होगी। पैक्स/व्यापार मंडल मे वर्षों से संचालित जन वितरण प्रणाली दुकान को गेहूँ अधिप्राप्ति प्राथमिकता के तौर पर करने के बहाने स्थगित कर दी गई जबकि वर्षों से पैक्सों मे धान/गेहूँ अधिप्राप्ति एंव जन वितरण प्रणाली दुकान संचालन एक साथ होता आ रहा है । जन वितरण प्रणाली दुकान स्थगित होने से पैक्स प्रबंधकों के सामने भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है क्योंकि पैक्स मे संचालित व्यवसाय से प्राप्त कमिशन की राशि से ही प्रबंधकों का वेतन भुगतान होता है ? चूंकि सरकार द्वारा प्रत्यक्ष रूप से अर्थात सरकार स्वंय अपने स्तर से वेतन भुगतान नही करती है । इससे माननीय पैक्स अध्यक्ष गण एंव प्रबंधकों मे काफी नाराजगी है जिसके कारण पैक्स अध्यक्ष गण एंव प्रबंधकों द्वारा संयुक्त रूप से गेहूँ अधिप्राप्ति का बहिष्कार भी किया गया है । इस क्रम मे संघ द्वारा जन वितरण प्रणाली दुकान स्थगित होने के कारण उच्च न्यायालय पटना मे एक याचिका दायर है जिसमे दिनांक 07.05.2020 को सुनवाई करते हुए गंभीरता से लेते हुए माननीय न्यायालय द्वारा राज्य सरकार से विस्तृत रूप से काउन्टर जवाबी हलफनामा माँगा गया है । सरकार के पदाधिकारियों के मेलजोल अर्थात अवैध उगाही कर पैक्स के PDS को खाद्य एंव उपभोक्ता संरक्षण विभाग सचिव आदेश पत्रांक 1658 दिनांक 19.04.2020 के विपरीत नजदीक के PDS दुकान मे संबद्ध न कर 3-5 किमी. दूर चहेते दुकानों मे संबद्ध कर दिया गया है और तो और पश्चिमी चम्पारण (बेतिया) के नरकटियागंज प्रखण्ड के सेमरी पैक्स के PDS को नजदीक के दुकान मे संबद्ध न कर वैसे दुकान मे संबद्ध किया गया है जहाँ पूर्व से ही 2-2 PDS दुकान एक साथ संचालित है । एक PDS दुकान मे 3-3 PDS दुकान संबद्ध कर दिया गया है जिससे सामाजिक दूरी का भी उल्लंघन हो रहा है ।

अत: बिहार के सभी विपक्षी पार्टियों के नेतागण से सादर अनुरोध है कि पैक्स प्रबंधकों को सरकारी कर्मी के दर्जा हेतु पूरी मजबूती से आवाज उठायें एंव अपने घोषणा- पत्र मे भी शामिल करें । इसके लिए संघ सदैव आभारी रहेगा।”

बता दें कि पैक्स प्रबंधक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय गुप्ता ने अपनी मांगों को लेकर दो दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई लेकिन फिलहाल इस बाबत उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है।

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