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कैंसर पीड़ित मरीज़ का आधा लीवर काट कर पारस अस्पताल के डॉक्टरों ने बचाई जान

पटना (जागता हिंदुस्तान) पारस एचएमआरआई अस्पताल के डॉक्टरों ने एक कैंसर पीड़ित मरीज को मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया है। मोतिहारी की रहने वाली 65 वर्षीय मरीज रजिया खातून (बदला हुआ नाम) को पीत्त की थैली का कैंसर था। इस कैंसर ने लीवर के दाएं भाग के रक्त आपूर्ति सिस्टम एवं दाएं भाग के पित्त की नली को भी अपनी चपेट में ले लिया था। अस्पताल के डॉक्टरों ने लीवर का 60 प्रतिशत कैंसर से ग्रसित हिस्सा सर्जरी कर उसे निकाल दिया है। बिहार में पहली बार इस तरह की सर्जरी को अंजाम दिया गया है।

सर्जरी का नेतृत्व करनेवाले डॉ. नीतिन कुमार, कंसल्टेंट गैसट्रो सर्जरी, पारस एचएमआरआई अस्पताल, पटना ने बताया, “इस कैंसर में काफी चुनौतियां थी क्योंकि मरीज में पीलिया के लक्षण थे। गांठ भी बड़ी थी, जिस कारण तुरंत सर्जरी नहीं की जा सकती थी। पीलिया के रहते कीमोथेरेपी भी नहीं की जा सकती थी और बिना कीमोथेरेपी के गांठ का आकार छोटा नहीं किया जा सकता था। ऐसे में डॉक्टरों ने लीवर के बाएं हिस्सा को पीटीबीडी  (पक्र्यूटेनियस ट्रांसहेपेटिक पित्त ड्रेनेज) नली द्वारा बाहर की ओर बहाव कर दिया। इससे पित्त शरीर से बाहर निकलने लगा और कुछ दिन में पीलिया कम हो गया। फिर अल्ट्रासाउंड विधि से बॉयोप्सी जांच हुई, जिसमें कैंसर तय हो गया। इसके बाद चार साइकिल में कीमोथेरेपी दी गई। इससे गांठ का आकार कम हुआ और मरीज़ की सर्जरी की जो कि करीबन छह घंटे तक चली। सर्जरी में मरीज़ कज़ 60 प्रतिशत लीवर निकाला दिया गया है साथ ही पीत्त का नया रास्ता भी बनाकर उसे आंत से जोड़ दिया गया है। मरीज अब पूर्णत: स्वस्थ है। इस ऑपरेशन को राइट हेप्टेक्टोमी बोलते हैं। इस ऑपरेशन में  कैंसर सर्जन डॉ. आकांक्षा वाजपेयी भी शामिल थीं। 
लीवर विकसित कर जाएगा 

डॉ. नीतिन कुमार के मुताबिक शरीर में लीवर एक ऐसा अंग है जिसका कुछ हिस्सा काटने के बाद यह खुद को पुन: विकसित कर लेता है। इसमें एक से दो महीने का समय लगता है। उक्त जानकारी  अस्पताल में आयोजित प्रेस वार्ता में दी गई। 
अस्पताल ने लीवर क्लीनिक लांच किया
प्रेस वार्ता में लीवर क्लीनिक शुरू करने की भी जानकारी दी गई। इसके बारे में डॉ. एए हई , डायरेक्टर जनरल सर्जरी, पारस एचएमआरआई अस्पताल, पटना   ने पत्रकारों को बताया कि लीवर की बीमारियां बहुत तेजी से बढ़ रही है, जिसका मुख्य कारण शराब, डायबिटीज, प्रदूषण, फैटी लीवर और हेपेटाइटिस है। अतः लिवर से जुड़ी हर बीमारी का बेहतर इलाज हो सके इसी हेतु लीवर क्लीनिक लांच किया गया है। इसमें लीवर की हर तरह की बीमारी का इलाज और सर्जरी हो पाएगी। इस क्लीनिक में लीवर में बनने वाली गांठ(फाइब्रोसिस) की जांच के लिए फाइब्रो स्कैन मशीन भी उपलब्ध है। अगले चरण में लीवर प्रत्यारोपण सेवा शुरू की जाएगी। 

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