EOU ने शुरू की राजीव नगर मामले की जांच, भू-माफियाओं की संपत्ति होगी जब्त!
पटना । राजधानी पटना के राजीवनगर व नेपाली नगर में बिहार राज्य आवास बोर्ड की जमीन अवैध तरीके से बेचनेवाले भू-माफियाओं की संपत्ति की जांच शुरू कर दी गई है। आर्थिक अपराध इकाई ने इसके लिए टीम का गठन किया है। एडीजी एनएच खान ने ईओयू के एसपी सुशील कुमार को जांच टीम का प्रभारी बनाया है। ईओयू की यह टीम गृह निर्माण समितियों के प्रमुख लोगों की न सिर्फ संपत्ति की जांच करेगी बल्कि उनकी कमाई के श्रोत को भी खंगाला जाएगा। यदि गड़बड़ी पाई गई तो संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई होगी।
एसपी सुशील कुमार करेंगे टीम का नेतृत्व
भू-माफियाओं की संपत्ति और उनके आय के स्रोतों की जांच के लिए ईओयू के आठ सदस्यीय अफसरों की टीम बनाई है। एसपी सुशील कुमार इसके प्रभारी हैं। वहीं एएसपी अमृतेन्दु शेखर ठाकुर, डीएसपी चंदन कुमार व सुनील कुमार सिंह, इंस्पेक्टर सुनील कुमार व श्याम किशोर सिंह, सब-इंस्पेक्टर विजय ओझा और धर्मेन्द्र कुमार को इसमें शामिल किया गया है। उक्त टीम के साथ समन्वय और सहयोग की जिम्मेदारी बिहार राज्य आवास बोर्ड के भू-संपदा पदाधिकारी अजीत कुमार सिंह और पटना सदर के अंचलाधिकारी (सीओ) जितेन्द्र पाण्डेय को दी गई है।
15 भू-माफिया के खिलाफ आवास बोर्ड ने दिया आवेदन
राजीवनगर के भू-माफियाओं के खिलाफ आवास बोर्ड के कार्यपालक अभियंता ने थाने में लिखित आवेदन दिया है। गुरुवार की रात आवेदन मिलने के बाद पुलिस केस दर्ज करने की तैयारी में जुट गयी है। सूत्रों के मुताबिक लिखित आवेदन में 15 भू-माफियाओं का नाम है। केस दर्ज होने के बाद पुलिस टीम इन पर आगे की कार्रवाई करेगी। वहीं राजीवनगर स्थित आवास बोर्ड की जमीन का मामला सामने आने के बाद कई भू-माफियाओं ने किनारा थाम लिया है। राजीवनगर थानेदार नीरज कुमार ने बताया कि एफआईआर दर्ज करने के लिये आवेदन मिला है। केस दर्ज होने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी। सभी आरोपितों को नोटिस भेजा जायेगा। इसके बाद उनसे पूछताछ की जायेगी। पुलिस के पास आरोपितों के खिलाफ पहले से ही कई साक्ष्य हैं। लिहाजा इनके खिलाफ पुलिस वारंट भी ले सकती है।
बता दें कि राजीव नगर व नेपाली नगर में बिहार राज्य आवास बोर्ड द्वारा अधिग्रहित जमीन को बड़े पैमाने पर भू-माफियाओं ने बेच दिया है। अवैध तरीके से की गई खरीद-बिक्री में कई गृह निर्माण समितियां शामिल रही हैं। नेपाली नगर से अतिक्रमण हटाने के दौरान हुए बवाल के बाद पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने ऐसी ही गृह निर्माण समितियों के कर्ताधर्ता की संपत्तियों की जांच और उनके आय के स्रोत की जांच के लिए ईओयू को पत्र लिखा था। इसी के आलोक में जांच टीम का गठन किया गया है।