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Fact Check : …तो क्या 20 अप्रैल से 28 दिनों के लिए फिर होगा Lockdown!

पटना (जागता हिंदुस्तान) कोरोना महामारी को लेकर देशभर में जारी लॉक डाउन के बीच लोग भी कयासबाजियों का दौर भी जारी है। 14 अप्रैल को अनलॉक डाउन की अवधि खत्म होने के बाद सरकार द्वारा इसे आगे बढ़ाने को लेकर सोशल मीडिया कई तरह के फेक मैसेज भी वायरल हो रहे हैं। इसी कड़ी में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नाम से भी एक फेक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ ने लॉकडाउन को लेकर इसके प्रोटोकॉल और अवधी की चरणबद्ध प्रक्रिया बताई है। इसी प्रक्रिया के तहत भारत सरकार ने लॉक डाउन शुरू किया है और आगे भी ऐसे ही जारी रहेगी।

इस वायरल मेसेज में दावा किया गया है कि डब्ल्यूएचओ के प्रोटोकॉल और तरीके के मुताबिक कोरोनावायरस को कंट्रोल करने के लिए पहले एक दिन का लॉकडाउन, फिर 21 दिन का लॉकडाउन फिर पांच दिन के ब्रेक के बाद 28 दिन का लॉकडाउन, फिर पांच दिन के ब्रेक के बाद चौथे चरण में 15 दिन का लॉकडाउन किया जाए।

वहीं, मैसेज को 22 मार्च के एक दिवसीय जनता कर्फ्यू और उसके बाद 25 मार्च से 14 अप्रैल तक के 21 दिन के लॉकडाउन से जोड़ा गया है। दावा किया जा रहा है कि इसी के तहत 5 दिन के ब्रेक के बाद 20 अप्रैल से 18 मई तक 28 दिन के लिए एक बार फिर पूरे देश में लॉकडाउन किया जाएगा।

हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस मैसेज को फिर बताते हुए खारिज किया है। डब्ल्यूएचओ के साउथ ईस्ट एशिया इकाई के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा गया है कि लॉकडाउन की प्रक्रिया के तहत विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रोटोकॉल को लेकर सोशल मीडिया पर प्रचारित मैसेज पूरी तरह से निराधार और फर्जी है। डब्ल्यूएचओ का ऐसा कोई भी प्रोटोकॉल नहीं है। ट्वीट में केंद्रीय स्वास्थ मंत्रालय, पीआईबी इंडिया और यूएन इंडिया के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट को टैग किया गया है।

आपको बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के 3500 से ज्यादा मामले भारत में सामने आ चुके हैं, जबकि 83 लोग इस महामारी के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं। पूरी दुनिया में 12 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 60 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

गौरतलब है कि ‘जागता हिंदुस्तान’ भी अपने सभी पाठकों से यह अपील करता है कि लॉकडाउन समेत किसी भी सरकारी निर्णय को लेकर वायरल हो रहे संदेशों पर आंखबंद कर भरोसा नहीं करें। किसी भी तरह से अफवाहों का हिस्सा नहीं बनें और ऐसे संदेशों की आधिकारिक पुष्टि के बाद ही उसे आगे फॉरवर्ड करें। अपना ख्याल रखें, स्वस्थ रहें और सुरक्षित रहें।

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