पूर्व विधायक अनंत सिंह को इंसास राइफल और बुलेट प्रूफ जैकेट केस में 10 साल की सजा, कहा- फैसले के खिलाफ SC तक जायेंगे
पटना (जागता हिंदुस्तान) मोकामा के पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. उनके खिलाफ पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट ने एक और आपराधिक मामले में 10 साल की सजा सुनाई है. साल 2015 में अनंत सिंह के सरकारी आवास से 6 मैग्जीन, इंसास राइफल और एक बुलेट प्रूफ जैकेट पुलिस ने बरामद किया था. इसी मामले में विधायक अनंत सिंह को दोषी करार दिया था. जिसमें फैसले की तारीख को बढ़ाते हुए 21 जुलाई मुकर्रर की गई थी. एमपीएमएलए कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुना दिया.
वहीं, सिविल कोर्ट से बाहर आते हुये मीडिया से बातचीत में अनंत सिंह ने कहा कि वह फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक जायेंगे।
बता दें कि साल 2015 में बाढ़ में युवक विनय उर्फ पुटुस यादव के हत्याकांड में पटना पुलिस ने सर्च वारंट लेकर एटीएस और डॉग स्क्वायड के साथ RJD विधायक अनंत कुमार सिंह के सरकारी आवास को घंटों खंगाला था. तलाशी के दौरान विधायक के आवास से इंसास राइफल की छह खाली मैगजीन, बुलेटप्रूफ जैकेट और संदिग्ध कपड़े बरामद हुए थे. इसी मामले में पटना की एमपीएमएलए कोर्ट ने अनंत सिंह को दोषी करार दिया था. जिसपर कोर्ट ने 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.
अनंत सिंह को मिली है दस साल की सजा
गौरतलब है कि पटना जिले के मोकामा विधानसभा क्षेत्र से तत्कालीन बाहुबली विधायक अनंत सिंह के पैतृक गांव नदमा स्थित उनके पुस्तैनी घर पर 16 अगस्त 2019 को हुए छापेमारी के दौरान पुलिस ने एक एके-47 राइफल, हैंड ग्रेनेड और कारतूस आदि बरामद किये थे. करीब 11 घंटे तक चले सर्च ऑपरेशन में अनंत सिंह के पैतृक आवास से AK-47 के साथ ही हैंड ग्रेनेड, 26 राउंड गोली और एक मैगजीन बरामद किया गया था. जिसके बाद उनके खिलाफ वारंट जारी हुआ और उन्होंने दिल्ली के साकेत कोर्ट में सरेंडर किया था. इस मामले में करीब 3 सालों तक ट्रायल चलने के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने अनंत सिंह को दोषी ठहराया और दस साल की सजा सुनाई. इसके साथ ही कोर्ट ने मोकामा विधायक के नौकर रहे सुनील राम को भी 10 साल की सजा सुनाई है.
10 साल की सजा मिलते ही अनंत सिंह की विधायकी खत्म
पटना जिले के मोकामा से बाहुबली अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता चली गई है. दरअसल, पटना एमपी-एमएलए कोर्ट से एके-47 बरामदगी मामले में उनको दोषी पाया गया था. कोर्ट ने उनको 10 साल की सजा सुनाई है. इस फैसले के आने के बाद से ही यह माना जा रहा था कि उनकी विधानसभा की सदस्यता चली जाएगी. इस संबंध में बिहार विधानसभा की ओर से 14 जुलाई 2022 को अधिसूचना भी जारी कर दी गई थी.