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Lockdown : नीतीश कुमार के साथी ही उन पर उठा रहे सवाल- पप्पू यादव

पटना (जागता हिंदुस्तान) “बिहार की 12 करोड़ की आबादी के लिए सिर्फ 502 आईसीयू बेड है। अस्पतालों में वेंटिलेटर नहीं के बराबर है। कोरोना वायरस से लड़ने का एकमात्र तरीका टेस्टिंग और ट्रेसिंग है। लेकिन बिहार में टेस्टिंग की रफ्तार बहुत धीमी है। सरकार को ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करने चाहिए और मरीजों के संपर्क में आये लोगों को ट्रेस करना चाहिए।” उक्त बातें जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने शुक्रवार को अपने फेसबुक लाइव कार्यक्रम ‘दिल की बात’ के दौरान कही।

पप्पू यादव ने आगे कहा कि, बिहार सरकार की विफलता का पोल उनके ही साथी खोल रहे हैं। लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने ट्वीट कर कहा कि बिहार सरकार ने केंद्र को 14 लाख लाभार्थियों के नाम नहीं भेजे। जिस कारण इन लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मदद नहीं मिल सकी। नीतीश कुमार को गरीबों की कोई चिंता नहीं है। वे बस बातें बनाते है।

अचानक बढ़े कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या पर पप्पू यादव ने सवाल किया कि जब सब लोग घर में कैद हैं तो इतने ज्यादा मरीज कैसे आ रहे हैं? सरकार क्या कर रही है?

जाप अध्यक्ष ने कहा कि, “केंद्र सरकार ने लॉकडाउन तो कर दिया लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने में पूरी तरह से विफल रही है। पटना के मीठापुर मंडी से लेकर कर्नाटक तक, कहीं भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है। सत्ता रूढ़ दल के नेता ही लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।”

जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के स्टीव हैंकी ने कहा है कि भारत में लॉकडाउन बिना किसी तैयारी के लगा दी गई। लॉकडाउन संपूर्ण नहीं स्मार्ट और टार्गेटेड होना चाहिए।

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