Lockdown : बाहर फंसे लोगों की घर वापसी की प्रक्रिया को सरल करे सरकार- कांग्रेस
पटना (जागता हिंदुस्तान) लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे लोगों, विशेषकर श्रमिकों की घर वापसी के मामले को लेकर सूबे की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। सत्ता पक्ष और विपक्ष लगातार एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
इसी क्रम में बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी रिसर्च विभाग एवं मैनिफेसटो कमिटी के चेयरमैन आनन्द माधव ने बाहर फंसे लोगों द्वारा अपने ज़िला या कार्यस्थल जानें के लिये अनुमति पत्र प्राप्त करनें में हो रही कठिनाइयों के प्रति रोष प्रकट किया है। माधव ने कहा है कि व्यवस्था व्यक्ति के लिये होता है ना कि व्यक्ति व्यवस्था के लिये। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन के कारण विभिन्न जगहों में फँसे लोगों को अपने गृह जिला या कार्य स्थल पर जाना एक मैराथन के समान हो गया है। इसमें कई त्रुटियाँ है। एक तो हर व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन नहीं दे सकता, क्योंकि या तो सुविधा नहीं है या फिर जानकारी का अभाव है। दूसरी ओर जो ऑनलाइन भरने का प्रयास भी कर रहे तो अनेकों तकनीकि अड़चनें आ रही हैं। एक-एक फ़ार्म भरने में घंटो समय लग जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि अब जिसे अपनी यात्रा की अनुमति प्राप्त करने के लिये फ़ार्म भरना है, चाहे वह बिहार के अंदर का हो या बाहर जानें का, अगर वो ऑनलाइन आवेदन के पहले स्तर से आगे बढ़ भी जाते हैं, तो दूसरे स्तर पर उन्हें तीन डॉक्युमेंट अपलोड करना होता है, इनमें:-
- आधार कार्ड या कोई अन्य सरकारी परिचय पत्र
- अधिकारी द्वारा दिया गया पत्र/ प्रमाण पत्र/परिचय पत्र एवं
- पोर्टल पर उपलब्ध विहित प्रपत्र पर सरकारी डाक्टर का प्रतिवेदन
आनंद माधव ने कहा कि आधार कार्ड या कोई अन्य सरकारी पहचान पत्र तो सही है लेकिन क्या सभी दस्तावेज एक आम जनता के लिये सहज है।
उन्होंने कहा कि दरअसल सरकार अपनी व्यवस्था को इतनी जटिल बना देती है कि उसे कम से कम काम करना पड़े और वो कम से कम ज़िम्मेवारी उठाये। उसे आम जनता के कष्ट या परेशानी से कोई मतलब नहीं है।
आनन्द माधव ने बिहार सरकार से आग्रह किया है कि ज़रूरतमंदों को अपनें कार्यस्थल या अपने गृह ज़िला जाने देनें की प्रक्रिया को सरल करें, जिससे आम जनता को कम से कम परेशानी हो। कहीं ऐसा ना हो कि जनता के सब्र का बाँध टूट जाय। अगर ऐसा हुआ तो बड़ी से बड़ी सत्ता इसमें बह जायेगी, उन्हें कोई नहीं बचा पायेगा।