पद के काबिल नहीं हैं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, तत्काल बर्खास्त करें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार- रालोसपा
पटना (जागता हिंदुस्तान) राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने नीतीश कुमार सरकार से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री कोरोना काल में भी बिहार के लोगों को लगातार भ्रमाने में लगे हुए हैं. आंकड़ों की बाजीगिरी दिखा कर वह बिहार को लोगों को ठग रहे हैं.
मल्लिक ने संकट के इस समय में जिस तरीके से वे काम कर रहे हैं उससे उनका निकम्मापन ही साबित होता है. कोरोना संक्रमितों की तादाद को लेकर लगातार वे भरमाते रहे हैं. पहले भी उनका स्वास्थ्य विभाग के साथ तालमेल नहीं था, अब फिर से उन्होंने गलत तथ्य रख कर साबित किया है कि वे इस पद के काबिल नहीं हैं. स्वास्थ्य विभाग की लचर स्थिति के लिए यूं तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह से जिम्मेदार हैं लेकिन मंगल पांडेय के रहते हुए तो अस्पतालों का हाल खस्ता है और चिकित्सा व्यवस्था रसातल में है. चमकी बुखार से लेकर कोरोना संकट तक उन्होंने जिस तरीके से काम किया है उससे उनकी क्षमता सवालों में है. कोरोना संक्रमितों को लेकर पहले भी वे गलत आंकड़े पेश करते रहे और अब फिर गलत आंकड़ों को सामने रखा.
रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव ने सवाल किया कि एक तरफ मंगल पांडे का आंकड़ा है और दूसरी तरफ उनके ही विभाग के प्रधान सचिव का आंकड़ा है. किसे सही माना जाए. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. पहले भी मंगल पांडेय और प्रधान सचिव ने अलग-अलग आंकड़े जारी किए थे. एक बार फिर स्वास्थ्य मंत्री और प्रधान सचिव के आंकड़ों में असमानता है. इससे बिहार के लोगों में भ्रम की स्थिति बनती है.
उन्होंने कहा कि इससे सरकार की अक्षमता का पता भी चलता है. मल्लिक ने कहा कि मंगल पांडेय को काम में दिल नहीं लग रहा है. दरअसल करोना की वजह से सभा-समारोह नहीं हो रहे हैं और उन्हें फीता काटने का मौका नहीं मिल रहा है इसलिए स्वास्थ्य मंत्री परेशान हैं. मल्लिक ने कहा इस संकट काल में जिस तरीके से मंगल पांडेय काम कर रहे हैं और लोगों के प्रति संवेदनहीनता दिखा रहे हैं उससे पता चलता है कि वे इस पद के लिए सक्षम नहीं हैं. लगातार अपनी अक्षमता को सामने लाने के बाद नैतिक आधार पर तो उन्हें खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए. लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे इसलिए नीतीश कुमार को फौरन उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए ताकि कोरोना काल में बिहार के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले.
मल्लिक ने कहा कि वैसे तो नीतीश कुमार को खुद भी नैतिक आधार पर गद्दी छोड़ देनी चाहिए क्योंकि गरीबों, मजदूरों, किसानों, शिक्षकों के साथ उन्होंने जिस तरह का अमानवीय रवैया अपनाया है वह संवेदनहीनता की प्रकाष्ठा है.