9 जून को बिहार की जनता से डिजिटल संवाद का गृहमंत्री का निर्णय सराहनीय- सुशील मोदी
पटना (जागता हिंदुस्तान) उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि कोरोना संक्रमण, लाकडाउन और अनलाक-1 के मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह ने 9 जून को बिहार के लोगों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद करने का जो निर्णय किया है, वह सराहनीय है।
लाकडाउन में बिहार के मजदूरों और उनके परिवारों को ही सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ी, इसलिए गृहमंत्री ने राज्य के लोगों से सम्पर्क करना और इसी बहाने एक साल के सरकार के काम का ब्योरा जनता को देना जरूरी समझा।
दुर्भाग्यवश, हर बात में नकारात्मकता खोजने वाला राजद इसे चुनावी रैली बता रहा है। डिजिटल माध्यम से मुख्यमंत्री ने भी राज्य के 20 जिलों में क्वरंटाइन सेंटर में दिये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता का जायजा लिया, तो क्या इसे भी राजद चुनावी बता देगा? लॉकडाउन के दौरान किसी को भूखा सोने की नौबत नहीं आने दी गई, लेकिन राजद भूख का काल्पनिक भय खड़ा कर गरीबों को धोखा दे रहा है।
इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री ने कहा कि लालू प्रसाद ने जिस आईटी-वाईटी, जन-धन खाते और डिजिटल इंडिया का मजाक उड़ाया, वह लाकडाउन के समय लाखों गरीबों, प्रवासी मजदूरों और बुजुर्गों के खाते में सीधे पैसे डालकर उनकी मदद करने में सहायक हुआ। राज्य सरकार ने डिजिटल माध्यम से ही 19000 करोड़ के अनाज, नकदी और राहत सामग्री गरीबों तक पहुँचायी।
मुख्यमंत्री राहत कोष से 250 करोड़़ रुपये निर्गत कर बिहार से बाहर फँसे 18 लाख 76 हजार से ज्यादा मजदूरों के खाते में 1000 रुपये भी डिजिटल माध्यम से ही डाले गए।
देेश के नौ राज्यों के 12 शहरों में 55 राहत केंद्रों के जरिये 15 लाख मजदूरों को भोजन और फूड पैकेट दिये गए।