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9बजे9मिनट : लाइट बुझाने और नहीं बुझाने पर छिड़ी बहस, दो खेमों में बंटा पूरा देश

पटना (जागता हिंदुस्तान) कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश भर की एकजुटता का प्रदर्शन करने के लिए आज रात (5 अप्रैल, रविवार) 9:00 बजे 9 मिनट के लिए घरों की लाइट बुझाकर दिया, मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान को लेकर देशभर में बड़ी बहस छिड़ी हुई है। पूरा देश दो खेमों में बटा नजर आ रहा है। मामला कोरोना जैसे महामारी की गंभीरता से परे मोदी समर्थक और विरोधियों का नजर आने लगा है। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर लंबी बहस छिड़ी है। हर कोई इस मामले में अपने अपने तर्क दे रहा है। ट्विटर पर ‘#Hum_Light_Nahin_Bujhaenge’ ट्रेंड करने लगा है।

इसी कड़ी में महाराष्ट्र सरकार के ऊर्जा मंत्री डॉ. नितिन राउत ने रात 9:00 बजे 9 मिनट तक लाइट बंद करने के फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यदि सभी लाइटों को एक झटके में बंद कर दिया जाए तो इससे पॉवर ग्रिड फेल हो सकती है। हमारी सभी आपातकालीन सेवाएं रुक जाएंगी और वापस बिजली बहाल करने में एक हफ्ते तक का समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि मैं लोगों से अपील करता हूं कि लाइट बंद किए बिना दीया, मोमबत्ती, टॉर्च या फ्लैश लाइट जलाएं। कांग्रेस के मंत्री ने अपने ट्विटर पर लिखा कि मैंने किसी को दीया, टॉर्च या फ्लैश लाइट जलाने से मना नहीं किया है। बस मेरा यह कहना है कि ‘हम लाइट नहीं बुझायेंगे।’

वहीं, नितिन राऊत के बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने पलटवार किया है। प्रभात झा ने रावत के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा कि ‘अपने घर की बत्तियां बुझाकर दीया जलाने’ के प्रधानमंत्री के आग्रह पर महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री के बयान को सभी ने बचकाना कहा।

दूसरी तरफ रात 9:00 बजे से 9 मिनट तक एक साथ लाइट बुझाने से पूरे देश का पावर ग्रिड फेल होने का मामला भी सुर्खियों में है। इस मामले को लेकर गुजरात के वडगाम से विधायक व दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने भी ‘हम लाइट नहीं बुझायेंगे’ ट्रेंड में शामिल होते हुए ट्विटर पर लिखा कि आप दिया जलाएं या ना जलाएं लेकिन यह सुनिश्चित करिए कि ‘हम लाइट नहीं बुझायेंगे’ क्योंकि एक साथ लाइट बंद करने थे पूरे देश का पावर ग्रिड फेल हो सकता है, जिसे ठीक होने में कम से कम 1 हफ्ते लग सकते हैं।

इसके साथ ही मीडिया का एक वर्ग प्रधानमंत्री के इस निर्णय को लेकर मुहिम के तौर पर खबरें दिखा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस मुहिम की तारीफ में जुटे हैं।

वहीं दूसरी तरफ कई वरिष्ठ पत्रकार इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं। वहीं, इस मामले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने कहा है कि मेरा सरल से प्रश्न यह है कि क्या दिल्ली में ‘दीया जलाओ’ निर्णय लेने से पहले राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों से सलाह ली गई थी।

इससे पहले इसी कड़ी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री के आह्वान शामिल होते हुए अपने ट्विटर पर लिखा कि बिहारवासियों से अपील है कि प्रधानमंत्री श्नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर 5 अप्रैल को रात 9 बजे दीप जलाकर कोरोना संक्रमण के विरुद्ध एकजुटता प्रदर्शित करें।

वहीं, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अंधेरा तब भागे जब लालटेन जले।

बता दें कि रविवार रात 9:00 बजे 9 मिनट तक घरों की लाइट बुझा कर कोरोना के अंधकार को चुनौती देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर देशभर में एक लंबी बहस जारी है। अब इस बात का फैसला रात 9:00 बजे ही हो पाएगा कि देश की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस निर्णय को कितनी गंभीरता से ले रही है।

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