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बिहारी भाईयों को वापस लाने में खर्चा दिखता है, लेकिन विज्ञापन पर 500 करोड़ खर्च करने में नहीं हिचकती सरकार- तेजस्वी

पटना (जागता हिंदुस्तान) लॉक डाउन के कारण दूसरे राज्य में फंसे बिहार के लोगों को वापस लाने के मामले को लेकर राजनीतिक संग्राम चरम पर है। इसी क्रम में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है।

तेजस्वी ने कहा है कि 15 सालों की नीतीश-भाजपा सरकार के पास बिहार में मात्र 600 बसें है। सरकार को लाखों बिहारी भाईयों को वापस लाने में खर्चा दिखता है लेकिन सरकार विज्ञापन पर 500 करोड़ खर्च करने में नहीं हिचकती? नीतीश सरकार सृजन और शौचालय समेत 55 घोटाले कर प्रदेश का लाखों करोड़ अब तक हज़म कर चुकी है। हर वर्ष मानव शृंखला की नौटंकी और ऊपर से उसकी दर्जनों हेलिकॉप्टरों द्वारा फ़ोटोग्राफ़ी पर करोड़ों खर्च करती है। जल-जीवन हरियाली के नाम 24500 करोड़ खर्च करती है लेकिन लगभग 40 लाख अप्रवासी बिहारियों के जीवन की कोई चिंता नहीं। सरकार के 15 साल के कथित विकास का भांडा फूट चुका है। इनका सुशासनी दोहरापन उजागर हो चुका है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमने मज़दूरों को वापस लाने के लिए सरकार को शुरू में 2000 बसों की सहायता प्रदान की है। लेकिन अहंकारी सरकार कोई सुझाव, सलाह और सहायता लेने को तैयार नहीं। विपक्ष और जनदबाव में ये कुछ करने का अभिनय मात्र करते है। यह सरकार बस मीडिया मैनज्मेंट के दम पर ही सारी जंग जीतना चाहती है।

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को एक अधिसूचना जारी कर दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों, श्रद्धालुओं और अन्य लोगों को वापस लाने की अनुमति दे दी। अधिसूचना के मुताबिक राज्य सरकार आवागमन के लिए बस का इस्तेमाल कर सकती है। बसों को सैनिटाइज करना आवश्यक है तथा सोशल डिस्टेंसिग का पालन होना चाहिए।

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