मांझी ने SC के फैसले पर जताई चिंता, कहा- रुक जाएगा देश का विकास
पटना (जागता हिंदुस्तान) हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (से०) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने प्रमोशन में आरक्षण के मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर चिंता जताते हुए एक बार फिर से अपनी मांग को दोहराया है। माँझी ने कहा कि केंद्र सरकार सरकारी नौकरियों का निजिकरण कर आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रही है । जो देश के दलित आदिवासी पिछड़े अति पिछड़ों के लिए कहीं से ठीक नहीं हैं।
मांझी ने ट्वीट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार कैबिनेट से यह प्रस्ताव पारित होना चाहिए कि निजी क्षेत्रों की नौकरियों में भी आरक्षण देने का प्रावधान हो ।अगर आरक्षण नहीं मिला है तो दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा, आदिवासी की स्थिति क्या होगी ? सबसे ज्यादा नुकसान इसी समाज का होगा । जिस पर केंद्र सरकार ध्यान नहीं दे रही । एक साजिश के तहत उन्हें नौकरी से दूर होना पड़ेगा । इसलिए निजी क्षेत्रों में नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान लाया जाए और प्रमोशन में भी आरक्षण दिया जाए । इसकी मांग हमारी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (से०) की शुरू से रही है ।
माँझी ने प्रमोशन में आरक्षण और नौकरियों में आरक्षण को लेकर कोर्ट के फ़ैसले पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि इससे देश का विकास पूरी तरह से बाधित हो जाएगा।मांझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि एक तरफ़ केंद्र सरकार सरकारी कंपनियों और विभागों में निजीकरण कर रही है जिससे निजी क्षेत्रों में आरक्षण नहीं रहने के कारण उन नौकरियों में
दलित आदिवासी पिछड़ा अति पिछड़ा को किसी भी क़ीमत में नौकरी नहीं मिलेगी। माँझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राम विलास पासवान को भी इस मामले में अपनी अंतरात्मा जगाने की बात कही और कहा कि देश के इतिहास में आप दोनों का नाम काले अक्षरों में लिखा जाएगा कि जब आरक्षण ख़त्म हो रहा था तो यह दोनों नेता सोए हुए थे।