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ललन सिंह ने तेजस्वी यादव को बताया बरसाती मेंढक, कहा- चुनाव आ रहा है, अभी टर्रटराएंगे

पटना (जागता हिंदुस्तान) लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता व मुंगेर सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को कहा कि किसी भी तरह का अपराध की घटना निंदनीय है, इसकी जितनी भी भ्रत्सना की जाए कम है। समाज में इस तरह की चीजों को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता लेकिन यदि कोई घटना घटित होती है तो इसके लिए कानून बना हुआ है, पुलिस मैनुअल के अनुसार जाँचोंपराँत जिसके विरुद्ध भी साक्ष्य मिलता है उसपर कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ शब्दों में लगातार कहा है कि कानून अपना काम करेगा, इसमें किसी भी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं होता। अनुसंधान के लिए पुलिस स्वतंत्र है, हम न तो किसी को बचाते हैं और न ही फँसाते हैं। कई उदाहरण है, अब इनको नहीं दिखाई पड़ता तो कौन समझाए भला। जो कोई भी अपराध करने का दुस्साहस करेगा वो कानून की गिरफ्त में होगा उसे कोई नहीं बचा सकता। आपराधिक घटनाओं पर राजनीति करना उनकी मानसिकता जान पड़ती है।

उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को हर आपराधिक घटना पर एक समान दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं अपनाया जाना चाहिए। गोपालगंज की घटना पर तो बगैर जाने समझे बहुत तोर-तूफान मचाए, घोसवरी गए पर सिंदुआरी और खिजरसराय की घटनाओं पर चुप्पी साध गए, क्यों आखिर?

नेता प्रतिपक्ष पिछले दिनों मोकामा विधानसभा के घोसवरी गए थे पर हत्या में कौन लोग शामिल थे इस पर एक शब्द नहीं बोले, बोलते साँप क्यों सूँघ गया? मालूम पड़ता है जैसे इन्हें जहानाबाद और गया का रास्ता पता नहीं, आखिर ये वहाँ क्यों नहीं गए? घोसवरी, सिंदुआरी और खिजरसराय में हुई घटनाओं में कौन लोग शामिल थे, नाम लेना तो दूर, इस पर चूँ तक नहीं किए!

अपराध की कोई भी घटना हो, इसमें जो कोई भी शामिल हो, बच नहीं सकता। घटना चाहे गोपालगंज की हो या घोसवरी की, अनुसंधान में जिसके विरुद्ध भी साक्ष्य मिलेगा वो सींखचों के पीछे यहाँ कोई बचाने वाला नहीं मिलेगा। पुलिस अपना काम कर रही है, कानून पर कहीं किसी का कोई हस्तक्षेप नहीं।

पुलिस को पुलिस मैनुअल में जाँच का अधिकार प्राप्त है पर तेजस्वी जी को इससे क्या वास्ता। ज्ञान रहेगा तब न, इन्हें ज्ञान कौन देगा, यह न तो उधार मिलता है और न बाजार बिकता है। आखिर पिता से प्राप्त आनुवांशिकीय गुणों का कुछ तो प्रभाव दिखेगा ही न। नाबालिग रहते हजारों करोड़ की संपत्ति के मालिक बन गए, इसपर भी कभी चुप्पी तोड़िए, बताईए कि नाबालिग रहते किस व्यवसाय से अगाध संपत्ति जमा कर लिया।

उन्होंने कहा कि ये बरसाती मेंढक हैं, चुनाव का समय आ रहा है, अभी टरटराएंगे। चुनावी मौसम बीतते ही फिर अंतर्ध्यान हो जाएंगे जैसे लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार गायब ही रहे हैं विशेषकर इस कोरोना महामारी के समय लापता चल रहे थे।

नेता प्रतिपक्ष ने अब तक नहीं बताया कि इस आपदाकाल में इतने दिनों कहाँ गायब रहे, कोरोना संकट के समय माननीय मुख्यमंत्री जी लगातार राहत कार्य में जुटे हैं, क्वरंटाइन सेंटर बनाया, प्रवासी मजदूरों का सुरक्षित आगमन सुनिश्चित किया, सबको यात्रा खर्च दिया गया, क्वरंटाइन सेंटरों का खर्च वहन किया साथ ही साथ क्वरंटाइन अवधि पूर्ण होने के पश्चात ट्रेन भाड़ा न्यूनतम 1000 रुपए के अतिरिक्त 500 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान कर विदा गया। तेजस्वी यादव बताएँ कि किसी अन्य प्रदेश में ऐसी व्यवस्था है कहीं। पर ये सब बातें तो उन्हें कहाँ समझ आएगी, ये तो शिक्षित व्यक्ति ही समझ सकता है। विरासत में इन्हें पिता का जिंस कुछ ज्यादा ही प्राप्त हो गया इसलिए ये सब चीजें इनके तो सर के ऊपर से ही गुजर जाएगा।

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