लालू प्रसाद पर मांझी के बिगड़े बोल, कहा- तेजस्वी को नहीं पता ये सब
पटना (जागता हिंदुस्तान) विधानसभा चुनाव का समय करीब आने के साथ ही महागठबंधन के अंदर खटास भी साफ नजर आने लगा है। महागठबंधन में को-आर्डिनेशन कमेटी के गठन की मांग को लेकर अड़े हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (से.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को लेकर बड़ा बयान दे दिया है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के द्वारा जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी को राजद कोटे से एमएलसी बनाने के बयान पर मांझी काफी भड़क गए हैं। मांझी ने सीधे तौर पर कहा है कि यह फैसला राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का था। गिराना माझी ने कहा कि अररिया उप चुनाव के समय लालू प्रसाद बेहद परेशान थे और 10 बार कॉल कर उन्हें मिलने के लिए बुलाया। मांझी ने कहा कि लालू प्रसाद ने अपने साथ आने का बार-बार आग्रह किया और जिसके बाद हमारे समर्थन से राजद अररिया उपचुनाव में जीत हासिल कर सकी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सीधे तौर पर कहा कि लालू प्रसाद ने अपनी खुदगर्जी के कारण मेरे बेटे को एमएलसी बनाया। मांझी ने कहा कि मैं उनसे एमएलसी के लिए सीट मांगने नहीं गया था। इसके साथ ही जीतन राम मांझी ने कहा कि वह तेजस्वी यादव को कुछ नहीं कहना चाहते हैं, क्योंकि तेजस्वी को यह सारी बातें पता ही नहीं है। मांझी ने बताया कि किस तरह से अररिया उपचुनाव में उन्होंने राजद की मदद कर राजद को जीत दिलाई।
इसके साथ ही मांझी ने राज्यसभा चुनाव में राजद द्वारा प्रेमचंद गुप्ता और अमरेंद्रधारी सिंह को उम्मीदवार बनाने के मामले पर भी जबरदस्त हमला किया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव में राजद ने जिन व्यवसायियों को उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने पार्टी के साथ कितना काम किया है। आखिर किस आधार बार उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया। इसके साथ ही मांझी ने बिहार से राज्यसभा के लिए राजद द्वारा कांग्रेस को सीट नहीं देने के मामले पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बात का गवाह मैं हूं कि राजद ने कांग्रेस को राज्यसभा सीट देने का वादा किया था।
मांझी ने कहा कि सब को धोखा देकर कैसे काम चल सकता है। उन्होंने कहा कि इसीलिए मैं बार-बार कोआर्डिनेशन कमेटी बनाने की बात करता हूं ताकि सब मिलजुल कर लोकतांत्रिक तरीके से नई रणनीति के साथ आगे बढ़े और महागठबंधन को मजबूत कर सके।