फूलों की खेती पर लॉकडाउन की मार, भुखमरी की कगार पर किसान और मालाकार समाज- ललन कुमार
पटना (जागता हिंदुस्तान) फूलों की खेती कर लाखों रूपये कमाने वाले किसानों को करोना वायरस जैसे वैश्विक महामारी ने भूखमरी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। लॉकडाउन के कारण फूलों की खेती करने वाले किसानों को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो पा रही है। लॉकडाउन की मार झेल रहे फूलों के व्यवसाय का सबसे अधिक प्रभाव वैशाली जिले में पड़ रहा है।
इस मामले को लेकर बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने वैशाली जिला ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में फूलों के किसान समेत उसकी खेती पर पूर्ण रूप से निर्भर, खासकर मालाकार समाज से जुड़े लोगों के समक्ष इस वैश्विक महामारी के कारण उत्पन्न हुई समस्या के निदान के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार से अविलंब आर्थिक मदद पदेने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि यदि केन्द्र एवं राज्य सरकार के द्वारा समय रहते आर्थिक सहायता के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाया गया तो मालाकार समाज के लोग करोना से नहीं बल्कि भूख की ज्वाला में समाहित हो जाएंगे।
ललन कुमार ने केन्द्र एवं राज्य सरकार को चेतावनी भरे लहजे में सचेत भी किया है कि यदि सरकार द्वारा ऐसा नहीं किया गया तो कांग्रेस के बैनर तले इनके राज्यव्यापी आंदोलन किया जायेगा। इनके साथ ही यूबन कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मालाकार समाज की आर्थिक सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है।
बता दें कि राजापाकर प्रखंड के विभिन्न गॉंव सरसई, बाकरपुर, नारायणपुर, बेरईफतेहपुर आदि अनेकों गांव में कई किसान फूलों की खेती कर अपने जीवन यापन करते हैं। अपने खेतों से उपजा हुआ फूल पटना, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर समेत अन्य शहरों में भेजकर अच्छी खासी कमाई करते थे, परंतु लॉक डाउन के वजह से उनके फूल खेत में ही सड़ रहे हैं, जिसके वजह से फूलों की खेती करने वाले किसानों के समक्ष भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
इस बाबत फूलों की खेती करने वाले किसान राजेन्द्र मालाकार, सुरेश भगत, रंजीत भगत, चंदन मालाकार, अनिल मालाकार ने संयुक्त रूप से बताया कि हमलोग विगत 15 वर्षों से फूलों की खेती कर अच्छी खासी कमाई करते थे। हम लोग अपने खेतों से फूल शादी-विवाह, मंदिर, धार्मिक स्थल, पर्व-त्योहार में भेजकर परिवार का भरण-पोषण करते थे। परंतु वर्तमान परिवेश में केन्द्र सरकार द्वारा करोना महामारी जैसी बिमारी के वजह से लगाए गए लॉकडाउन के कारण हमलोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति हो गयी है। फूल तो खेतों में उपज रहे हैं लेकिन कहीं भी उसका निर्यात नहीं हो पा रहा है।
वैशाली जिले के किसानों व खासकर माली समुदाय ने कहा कि इस मामले पर बिहार सरकार एवं कृषि मंत्री को गंभीरता से लेनी चाहिए ताकि हम लोगों के समक्ष व्याप्त भुखमरी का निदान हो सके लेकिन करोना वैश्विक महामारी ने उनके समक्ष ग्रहण लगा दिया है। इसके बावजूद अब तक उन्हें न तो किसी प्रकार की कोई सरकार द्वारा मदद मिल रही है और न ही वैशाली जिला के आला अधिकारी द्वारा किसी प्रकार का कोई ध्यान दिया जा रहा है। इनकी वजह से खासकर माली समुदय अपने आप को असहाय महसूस कर रहे हैं।
गौरतलब है कि वैशाली जिले के सभी प्रखंउ के सैंकड़ों गांव जैसे राजापाकर, सरसई, बाकरपुर, जंदाहा, अकबरपुर, मलाही, धरहरा, जतकौली, बेनीपुर, मथुरा, पानापुर, हरिहरपुर, सहथा, पकड़ी आदि सैंकड़ों गांवों में बड़े पैमाने पर खासकर माली समाज के लोगों ने फूलों की जबरदस्त खेती कर रखी है।