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ग्रामीण शिक्षा पर पड़ेगा लॉकडाउन का बुरा असर- पप्पू यादव

पटना (जागता हिंदुस्तान) बिहार में बिजली का अभाव है। इंटरनेट नहीं हैं। छात्रों के घर में भी स्मार्ट फोन नहीं हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार 86 प्रतिशत शिक्षकों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में स्मार्ट क्लास सम्भव नहीं है। लेकिन सरकार कह रही हैं स्मार्ट क्लास चलाएंगे। इस समय बिना पढ़ाए बच्चों को पास किया जा रहा हैं। क्लासेज नहीं चलने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही हैं। उक्त बातें जाप सुप्रीमों पप्पू यादव ने जन की बात कार्यक्रम के दौरान कही।

आम और खास के बीच फर्क क्यों

जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने बुधवार को कहा कि, “राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आग्रह पर उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात की सरकारें कोटा में फंसे अपने छात्रों को वापस ला रही हैं। लेकिन नीतीश कुमार को बिहार के बच्चों की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने छात्रों को उनके हाल पर छोड़ दिया है।”

आगे उन्होंने कहा कि, “भाजपा विधायक को विशेष पास निर्गत किया गया ताकि वे अपनी बेटी को कोटा से वापस ला सकें। बिहार सरकार आम और खास के बीच इतना फर्क क्यों रही? अब तो पटना उच्च न्यायालय ने भी इस मामले में सरकार से जवाब तलब किया है। दूसरों राज्य जैसे अपने छात्रों को वापस ला रहे हैं वैसे ही नीतीश कुमार भी बिहारी छात्रों को वापस लाएं।”

पप्पू यादव ने राज्य सरकार से सवाल किया कि, वैशाली और पूर्णिया के सांसद लॉकडाउन के दौरान बिहार आए। इन पर कार्यवाई कब होगी? उन्होंने मुफ्फरपुर के डीएम और आरा के एसडीओ पर भी कार्रवाई की मांग की।

जाप अध्यक्ष ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अपील की कि तीन मई के बाद बसों और ट्रेनों से बाहर फंसे बिहारी मजदूरों को उनके घर वापस भेजने की व्यवस्था की जाए।

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