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Lockdown : पटना जंक्शन पर फंसे यात्री, कहा- यहां CORONA से भयावह है सरकारी व्यवस्था

पटना (जागता हिंदुस्तान) कोरोना को लेकर पूरा बिहार लॉक डाउन है। संक्रमण के संभावित खतरे के मद्देनजर लोकल ट्रेन समेत तमाम पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा बंद है। बाजारों में सन्नाटा पसरा है। लोग अपने अपने घरों में खुद को सुरक्षित रख रहे हैं।

वहीं लॉक डाउन को लेकर पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन का अलग ही नजारा है। यहां बड़ी संख्या में रेल यात्री फसे पड़े हैं। जिन यात्रियों के घर राजधानी पटना में हैं, वह तो जैसे तैसे अपने घर पहुंच रहे हैं लेकिन दूरदराज के यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। लोगों को जाने के लिए सवारी नहीं मिल रही और जो मिल रही है वह अनाप-शनाप पैसे मांग रहे हैं।

इसी बीच लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस से मुंबई से पटना आए कटिहार के रहने वाले कुछ यात्रियों ने अपना दर्द बयां किया। उन्होंने बताया कि क्रोना को लेकर जांच पड़ताल के बाद उन्हें स्टेशन से बाहर कर दिया गया है। आगे उन्हें कटिहार जाना है लेकिन ना तो कोई लोकल ट्रेन है और ना ही बसों की सुविधा है। प्रशासन की बात करें तो उसके द्वारा यात्रियों को दूसरे जिलों में जाने की सुविधा देने की बजाय उन्हें स्टेशन परिसर से भगाया जा रहा है। यात्रियों का कहना है कि वह बस अड्डे से भी घूम कर चले आए, क्योंकि उन्हें वहां भी कोई सवारी नहीं मिली। पटना जंक्शन स्टेशन पर पुलिस और प्रशासन उन्हें स्टेशन के अंदर नहीं जाने दे रही। प्रशासन द्वारा यात्रियों को स्टेशन के बाहर भी बैठने नहीं दिया जा रहा।

रेल यात्रियों का कहना है कि एक तो प्रशासन उन्हें कोई सुविधा मुहैया नहीं करा रही और दूसरी तरफ उन्हें यहां बैठने तक नहीं दे रही। ऐसे में कोरोना से ज्यादा खतरनाक तो जिला प्रशासन का रवैया और सरकारी व्यवस्था हो गई है। रेल यात्री ने सीधे तौर पर कहा कि वह सुबह से यहां भूखे प्यासे बैठे हैं। यहां से जाने के लिए कोई सवारी नहीं मिल रही। कोई गाड़ी मिल भी रही है तो वह सामान्य से कई गुना अधिक किराया मांग रही है। ऐसे में जब प्रशासन सुविधा मुहैया नहीं करा रही है तो वह कहां और कैसे जाएंगे।

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