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मशरख कांड : बिहार में ऐसा कोई सप्ताह नहीं जब जहरीली शराब से मौत ना हो, इस्तीफा दें सीएम नीतीश- BSP

पटना। सारण के मशरख में जहरीली शराब पीने से हुई दर्जनों लोगों की मौत को लेकर बिहार की राजनीति उबाल पर है। एक तरफ जहां बिहार विधान सभा और विधान परिषद में विरोधी दल भाजपा लगातार हंगामा कल नहीं है तो वहीं अन्य पार्टियां भी नीतीश सरकार पर हमलावर है।

इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी ने सारण में जहरीली शराब से हुई मौत के मामले को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की भी मांग की है।

पार्टी के मुताबिक सारण जिले में जहरीली शराब पीने से लगभग 80 लोगों की मौत हुई है। इस घटना का जायजा लेने, पीड़ित परिवारों के दुःख में अपनी संवेदना व्यक्त करने हेतु मशरख थाना क्षेत्र अन्तर्गत गांवों का दौरा बहुजन समाज पार्टी के राज्यसभा सांसद इन्जि. रामजी गौतम ने बिहार बसपा की टीम के साथ प्रदेश प्रभारी डॉ लाल जी मेधंकर व भोला राम एवं प्रदेश अध्यक्ष कुणाल किशोर विवेक ने दौरा किया।

बसपा सांसद ने कहा है कि इस घटना के मुद्दे को वह राज्यसभा में भी उठायेगें। बसपा बिहार प्रदेश इकाई की ओर से कहना है कि राज्य में ऐसा कोई सप्ताह नहीं जाता जब जहरीली शराब पीने से किसी न किसी जिले में मौते नहीं हो रही हो। एक ही जिले में लगभग 80 लोगों की मौत हो जाना कितनी बड़ी त्रासदी है।

ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार व प्रशासन का पूरी तरह से फेलियोरनेस है। दु:खद बात तो यह है कि शराब माफिया लोग सरकार और प्रशासन के साये में फल-फूल रहे है। बिहार प्रदेश में शायद ही ऐसा कोई दिन बीतता हो जब किसी न किसी जिले में हत्या न होती हो, दलित उत्पीड़न न होता हो।

अरवल जिले के परासी पंचायत में अपराधिक प्रवृति का व्यक्ति दलित परिवार के घर में शराब की बोतले रखवाकर पुलिस को बुला लिया। पति को पुलिस उठाकर ले गयी वह जेल में चला गया उस दौरान वह अपराधिक व्यक्ति उसके पत्नी के साथ कई दिनों तक दुष्कर्म करने की कोशिश करता रहा। पत्नी थाने में गयी, आवेदन दिया पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया। जब वह दलित महिला नहीं मानी तो उस व्यक्ति ने 28 नवम्बर की रात में उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दिया। माँ और उसकी 8 वर्षीय बेटी की जलकर मौत हो गयी। अरवल जिले में एक दलित मजदूर को दबंग ने गोली मारकर हत्या कर दी।

अरवल जिले की बसोआ टीम के साथ गद्दोंपुर और चकया परासी गाँव का दौरा किया। घटना देखने से हमारे तमाम पदाधिकारी व कार्यकर्त्ता सरकार व पुलिस प्रशासन के खिलाफ आक्रोसित हुये।

बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्त्ता जब धरना-प्रदर्शन करते हैं, थानों पर दबाव बनाते हैं, बहुत प्रयास के बाद तब पुलिस हरकत में आती है और दोषियों पर कार्यवाही करने का नाटक-सा होता रहता है। पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से अपराधी छूट जाते हैं और निर्दोष को जेल भेज दिया जाता है। शराब माफियाओं पर लगाम लगाई जाये, हत्या, जुर्म-अत्याचार, दलित-उत्पीड़न बन्द किया जाय, ऐसी बसपा की पुरजोर माँग है। इसके साथ ही बसपा सांसद ने बिहार सरकार से मांग की है कि पीड़ित परिवारों को 50-50 लाख रूपया मुआवजा दिया जाये।

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