प्रेमचंद्र मिश्रा पर भड़के मंत्री नीरज कुमार, कहा- नहीं फैलाएं ज्ञान का आतंक
पटना (जागता हिंदुस्तान) सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार तथा भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी के विधान परिषद का कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद उनके पद पर बने रहने के मामले को लेकर कांग्रेस एमएलसी सह प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा के बयान पर मंत्री नीरज कुमार ने पलटवार किया है।
नीरज कुमार ने कहा है कि सजायाफ्ता कैदी नंबर 3351 एवं दागी को अपना नेता मानने वाले कॉन्ग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे हैं। यश कुमार ने कहा कि हम उन्हें सलाह देते हैं कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 164 (4) में प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति जो विधान मंडल का सदस्य न रहने के उपरांत छह माह तक मंत्री पद पर कायम रह सकता है उन्हें छह माह के अंदर विधान मंडल का सदस्य बनना पड़ेगा।
नीरज कुमार ने आगे कहा कि सर्वोच्च न्यायालय 1971 में हरशरण शर्मा बनाम त्रिभुवन नारायण सिंह 16 मार्च 1971 संविधान पीठ के द्वारा तदेन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिभुवन नारायण सिंह के मामले में आख्यापित किया है और यह निर्णय दिया कि अनुच्छेद 164 (4) के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति विधान मंडल का सदस्य ना रहते हुए मंत्री पद पर रह सकता।
मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि प्रेमचंद मिश्रा को सलाह दे रहा हूं कि 2जी स्पेक्ट्रम, कोलगेट घोटाला जैसे भ्रष्टाचार के मामले में जिस पार्टी के दामन पर अनगिनत दाग हो, वैसे नेता को संविधान का अनुच्छेद व न्यायिक निर्णय का अवलोकन करना चाहिए न कि ज्ञान का आतंक फैलाना चाहिए।
बता दें कि कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य प्रेम चंद्र मिश्रा ने बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी तथा सूचना एंव जनसम्पर्क मंत्री नीरज कुमार के विधान परिषद सदस्य का कार्यकाल समाप्ति (6 मई) के बावजूद मंत्री बने रहने को लेकर आश्चर्य व्यक्त करते हुए इसे अनैतिक तथा संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत बताया है।