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बिहार में अल्पसंख्यकों को फिर बनाया जा रहा निशाना, यूपी चुनाव को लेकर माहौल बिगाड़ना चाहती है BJP- माले

पटना (जागता हिंदुस्तान) भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने विगत कुछ दिनों में बिहार में अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने की लगातार बढ़ रही घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि यूपी चुनाव में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की नियत से भाजपा बिहार सहित पूरे देश का माहौल खराब करने में लग गई है. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति घृणा के इस माहौल पर लगाम लगाएं और उनकी सुरक्षा का इंतजाम करें.

उन्होंने कहा कि अररिया जिले के चकाई गांव में शोएब नाम के एक युवक की माॅब लिंचिंग की घटना सामने आई है. गांव में उग्र भीड़ ने उस युवक को रस्सी से बांधकर बेरहमी से पीटा और फिर पीट-पीट कर हत्या कर दी. इस घटना की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. पुलिस-प्रशासन को सांप्रदायिक नफरत फैलाने वाली ताकतों पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए.

दूसरी घटना समस्तीपुर जिले की है. ताजपुर प्रखंड के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के आधारपुर गांव में आपसी विवाद को लेकर उपमुखिया मो. हसनैन ने श्रवण राय की हत्या कर दी. इसके बाद, असामाजिक तत्वों ने उपमुखिया के घर पर हमला करके उनकी पत्नी सनोवर खातून, भतीजे मो. अनवर, चाचा मो. नुरैन और बेटी नुसरत परवीन को मारते-पीटते एक मकान में बंद कर दिया. मार से सनोवर खातून की तत्काल मौत हो गई. बाद में पुलिस आई और मरणासन्न स्थिति में पहुंचा दिए गए मो. अनवर, मो. नुरैन, नुसरत परवीन को भीड़ से मुक्त कराकर इलाज के लिए ले गई. रास्ते में मो. अनवर की मौत हो गई है. मो. नुरैन का इलाज जारी है. इस जघन्य मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं होना बेहद चिंताजनक है. भाकपा-माले की मांग है कि भीड़ मानसिकता तैयार करने वाली ताकतों की शिनाख्त कर उनपर कड़ी कार्रवाई की जाए.

दरभंगा स्टेशन पर हुए ब्लास्ट मामले में भी अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. इसके पूर्व बांका बम ब्लास्ट कांड को भी भाजपा ने ‘आतंकवाद’ से जोड़कर दुष्प्रचारित किया था, जबकि वहां का प्रशासन बार-बार उस तथ्य से इनकार करता रहा.

भाकपा-माले, मुजफ्फरपुर में इंसाफ मंच से जुड़े इफ्तिाखर खान के मूकबधिर बेटे, जो कानपुर में एक मूकबधिर शिक्षक हैं, से धर्मपरिवर्तन के एक मामले में पूछताछ के लिए यूपी पुलिस मुजफ्फरपुर आई है. उस मूकबधिर शिक्षक का फोन और लैपटाॅप जब्त कर लिया है. पूछताछ के लिए लखनऊ ले जाने का दबाव बनाया जा रहा था, लेकिन जब परिजनों ने लीगल नोटिस का सवाल उठाया, तब जाकर यूपी पुलिस पीछे हटी.

भाकपा-माले विधायकों की एक टीम जल्द ही इन स्थानों का दौरा करेगी और अपनी एक रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.

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