अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है मोदी सरकार- राजीव रंजन
पटना (जागता हिंदुस्तान) केंद्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यक हित में किये जा रहे कार्यों के बारे में बताते हुए भाजपा प्रवक्ता व पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कहा “ आज जब एक तरफ पूरा विपक्ष नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय के बीच झूठ और दुष्प्रचार फ़ैलाने की साजिश रचने में व्यस्त है, वहीं दूसरी तरफ ठीक इसी समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए योजनायें बनाने में लगी हुई थी. वर्ष 2020-21 के बजट को देखें तो अल्पसंख्यक समाज के लिए सरकार की मंशा की झलक साफ़ दिखाई पड़ती है. सरकार ने अल्पसंख्यको का खासा ख्याल रखते हुए, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के बजट में पिछली बार की तुलना में 329 करोड़ रुपये की भारी बढ़ोतरी की है. यह दिखाता है कि सरकार “‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मूलमंत्र के प्रति पूरी प्रतिबद्धिता के साथ काम कर रही है. मोदी सरकार के पहले के समय को याद करें तो उस समय अल्पसंख्यकों को विकास के नाम पर केवल झुनझुना थमा कर कांग्रेस और उसके सहयोगी दल शांत बैठ जाते थे. लेकिन मोदी सरकार में अल्पसंख्यकों के लिए किये जाने वाले कार्यों में ऐतिहासिक बदलाव आया. पहले देश के केवल 90 जिलों को अल्पसंख्यक समुदायों के विकास के लिए चिन्हित किया गया था, लेकिन वर्तमान सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए विकास कार्यक्रमों का दायरे को बढाते हुए इसका विस्तार देश के 308 जिलों तक सफलता पूर्वक कर दिया है. इसके अलावा मोदी सरकार ने कई ऐसी योजनाएं शुरू की हैं, जिनसे अल्पसंख्यकों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद मिली है. इन योजनाओं में आयुष्मान भारत योजना, जन धन योजना, पीएम-किसान सम्मान निधि, पीएम श्रमयोगी मान-धन योजना, सुकन्या समृद्धि, उज्ज्वला योजना, आवास योजना, उजाला योजना, जल-जीवन मिशन जैसी योजनायें शामिल हैं. मुस्लिम समुदाय के लिए हज यात्रा को सुगम बनाने का काम भी इसी सरकार ने किया है. पीएम मोदी द्वारा सऊदी अरब से भारतीय हज कोटे को बढाने की अपील के बाद 2019 में पहली रिकॉर्ड 2 लाख भारतीय मुसलमानों ने हज यात्रा की, जिनमें 48 प्रतिशत महिलाएं थीं. यह वर्तमान सरकार की ही देन है की आज मुस्लिम महिलाओं के लिए मेहरम की बाध्यता समाप्त हो चुकी है तथा साथ ही उन्हें तीन तलाक के दंश से भी मुक्ति मिल चुकी है. आज कांग्रेस की तरह अल्पसंख्यकों को डरा कर कोने में नहीं रखा जाता बल्कि पहली बार देश में अल्पसंख्यकों का सम्मान के साथ विकास हो रहा है. सरकार की मंशा इस बात को सुनिश्चित करने की है कि विकास के इस युग में अल्पसंख्यक वर्ग किसी भी कीमत पर पीछे नहीं छूटने चाहिए.”