गरीबों की मदद नहीं उनका मजाक उड़ाना जानते हैं नमो-नीतीश- धनेश्वर महतो
पटना (जागता हिंदुस्तान) लॉकडाउन को लेकर एक तरफ जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रवासी मजदूरों को बिहार आने से मना कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ नवादा से भाजपा विधायक अनिल सिंह को कोटा से अपनी बेटी को बिहार लाने के लिए सरकार द्वारा दी गई विशेष अनुमति को लेकर बिहार की राजनीति गरमा गई है। इसी क्रम में भारतीय मित्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनेश्वर महतो ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा पर बड़ा निशाना साधा है।
धनेश्वर महतो ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह कह रहे हैं कि चाहे आप मर भी जाएं लेकिन लॉक डाउन के नियमों का पालन करें वहीं दूसरी तरफ नवादा से भाजपा विधायक अनिल सिंह को कोटा से उनकी बेटी को लाने की विशेष अनुमति दी जाती है। महतो ने कहा कि इससे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा की मंशा का पता चलता है कि उन्हें गरीबों से कोई हमदर्दी नहीं। यही सीएम नीतीश और भाजपा का असली चेहरा है। यह गरीबों से नफरत करते हैं।
वहीं लॉकडाउन को लेकर केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लॉकडाउन के कारण गरीबों को दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ जहां राज्य से बाहर कमाने गए मजदूर परेशान है तो वहीं घर पर उनके परिजनों को उनकी चिंता खाए जा रही है कि वह पता नहीं किस हाल में हैं।
इसके साथ ही बिहार के बाहर दूसरे राज्य में रह रहे जरूरतमंदों के खाते में नीतीश सरकार द्वारा एक ₹1000 सहायता राशि भेजने के मामले को लेकर धनेश्वर महतो ने कहा कि सहायता राशि के लिए जारी की गई है हेल्पलाइन केवल जुमलाबाजी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गरीबों की मदद करना नहीं बल्कि केवल उनका मजाक उड़ाना जानते हैं।
दूसरी तरफ भारतीय मित्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनेश्वर महतो ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा है। राजस्थान के कोटा से विशेष बस द्वारा उत्तर प्रदेश के छात्रों को वापस लाने के मामले पर निशाना साधते हुए धनेश्वर महतो ने कहा कि यह वह पहले से ही यह बात कहते आ रहे हैं की योगी सरकार और भाजपा की सरकार उद्योगपतियों और वीआईपी लोगों की सरकार है। यह आम जनता की हितैषी नहीं है और इसका जीता जागता उदाहरण कोटा के मामले से मिलता है। जहां से अमीर घरों के बच्चों को विशेष बस से उत्तर प्रदेश वापस लाया गया वहीं गरीब मजदूर के बच्चों के लिए कोई राहत की बात नहीं की गई है।