आरक्षण पर बोले नागमणि- बाबरी मामले की तरह SC का इस्तेमाल कर रही है केंद्र सरकार
पटना (जागता हिंदुस्तान) पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं शहीद जगदेव सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नागमणि ने आरक्षण के मामले को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी भारत के पिछड़े दलित आदिवासियों को आरक्षण देने का मौलिक अधिकार नहीं है काफी हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 15 (4) और 16 (4) के मुताबिक सामाजिक, और जिस तबके का आर्थिक प्रतिनिधित्व नहीं है उन्हें आरक्षण दिया जा सकता है, उन्हें आरक्षण दिया जा सकता है। यदि संविधान की धारा से पिछड़े दलित आदिवासियों को आरक्षण दिया गया है।
उन्होंने कहा कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान आर एस एस प्रमुख ने आरक्षण समीक्षा की बात की थी। आज शत प्रतिशत सही साबित हो रहा है कि देश की आरएसएस-भाजपानीत सरकार देश के करोड़ों करोड़ पिछड़े, दलित, आदिवासियों के आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से समाप्त करने की साजिश कर रही है। नागमणि ने कहा कि जिस तरह से राम मंदिर एवं बाबरी मस्जिद का फैसला सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से भाजपा सरकार ने करवाने का काम किया, उसी तरह से देश के करोड़ों करोड़ पिछड़े, दलित, आदिवासियों के आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से समाप्त कराना चाहती है।
उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर पिछड़े, दलित आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज में जबरदस्त आक्रोश है। नानी ने कहा कि पिछले वर्ष जब केंद्र सरकार ने आर्थिक आधार पर सवर्ण समाज को 10% आरक्षण दिया तो पिछड़े दलित आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज ने इसका कहीं भी विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि हम सब सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं ज्यादा सुप्रीम कोर्ट को ऐसा काम नहीं करना चाहिए कि जिससे देश में विद्रोह हो जाए। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री अपने मन से कोई भी काम नहीं करते बल्कि आरएसएस के दिशा निर्देश पर काम करते हैं।
नागमणि ने कहा कि देश के तमाम गरीबों ने नरेंद्र मोदी को बहुत ही आशा एवं उम्मीद के साथ देश का प्रधानमंत्री बनाया लेकिन पीएम मोदी बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान नहीं बल्कि नागपुर और आरएसएस का संविधान लागू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को झारखंड एवं दिल्ली विधानसभा चुनाव से सबक लेना चाहिए नहीं तो 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता अच्छी तरह सबक सिखाने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि 2008 में हुई पार्लियामेंट्री कमेटी के सर्वे में यह बात साफ हो चुकी है कि 87% ऊंची जाति के लोगों को सरकारी नौकरियों में 5 मिनट मिला जबकि 90% की आबादी वाले दलित आदिवासी पिछड़े और मुसलमान को मात्र 13% ही सरकारी नौकरी मिली। नागमणि ने सीधे-सीधे सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसे ही अन्याय करेंगे तो परिणाम बहुत बुरा होगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने 5 मिनट कहा कि इस मामले को लेकर शहीद जगदेव सेना, भीम आर्मी एवं अन्य पिछड़े, दलित संगठन की ओर से भारत सरकार एवं सुप्रीम कोर्ट के द्वारा आरक्षण समाप्त करने की साजिश को बेनकाब करने के लिए 23 फरवरी को बिहार बंद का आह्वान करते हैं। नागमणि ने कहा कि हम लोगों को पूरा विश्वास है कि तमाम पिछड़े दलित मुसलमान समुदाय के लोग खासकर छात्र एवं युवा बिहार बंद को सफल बनाएंगे। उन्होंने पटना के रहने वाले सभी पिछड़ा दलित मुसलमान से अनुरोध किया है कि 23 फरवरी को बंद के दिन सुबह 11:00 बजे डाकबंगला चौराहा पहुंचे और दोपहर 1:00 बजे हाईकोर्ट के पास बाबाअंबेडकर के स्मारक पर जमा होता की अगली रणनीति तय की जा सके।
इस अवसर पर जगदेव सेना के कार्यकारी अध्यक्ष मनोरंजन कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुशवाहा, राष्ट्रीय प्रवक्ता सत्येंद्र कुमार एवं प्रदेश महामंत्री अमरेंद्र कुशवाहा मौजूद रहे।