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कृषि कानूनों से आने वाली नस्लें भी होंगी प्रभावित- रालोसपा

पटना (जागता हिंदुस्तान) राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने साफ किया है कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का असर आने वाली नस्लों पर पड़ेगा और बिहार जैसे गरीब राज्य को सबसे ज्यादा नुकसान होगा. रालोसपा के किसान चौपाल में शिद्दत से से इन सवालों को किसानों ने उठाया और पार्टी नेताओं ने तीनों कृषि कानूनों के काले पक्ष की जानकारी किसानों को देकर कहा कि वक्त आ गया है कि बिहार में भी किसान इन कानूनों के खिलाफ विरोध की अवाज बुलंद करें क्योंकि इससे उनकी आने वाली पीढ़ियां प्रभावित होंगी. रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक ने पार्टी कार्यालय में यह बात कही. इस मौके पर पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संतोष कुशवाहा, प्रधान महासचिव निर्मल कुशवाहा, महासचिव मोहन यादव, अरविंद वर्मा, व राजदेव सिंह, अतिपिछडा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चंद्रवंशी, किसान प्रकोष्ठ के प्रधान महासचिव रामशरण कुशवाहा, छात्र रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद कुशवाहा, कार्यालय प्रभारी अशोक कुशवाहा, युवा रालोसपा नेता पंकज राजशेखर सिंह और सचिव राजेश सिंह भी मौजूद थे.

मल्लिक ने कहा कि बुधवार को नौबतपुर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने किसानों से कहा कि अब समय आ गया है कि इन कानूनों के खिलाफ बिहार में भी मुखालफत हो. रालोसपा किसान चौपाल के जरिए पूरे बिहार में किसानों को बता रही है कि इन कानूनों से किसानों को क्या नुकसान होगा. मल्लिक ने बताया कि पार्टी प्रमुख ने साफ किया कि इन कानूनों से किसान ही नहीं वंचित और पिछड़ा समाज भी प्रभावित होगा. जन वितरण प्रणाली से गरीबों को मिलने वाला अनाज बंद हो जाएगा क्य़ोंकि सरकार किसानों से एमएसपी से जो उपज की खरीद करती है उसी से जन वितरण प्रणाली के जरिए गरीबों को अनाज दिया जाता है लेकि इन कानूनों से पूंजीपतियों की घुसपैठ होगी खेती किसानी में और तब सरकार की मंडियां बंद होंगी और एमएसपी पर फसलों की खरीदारी नहीं होगी. इसका असर जन वितरण पर पड़ेगा. मल्लिक ने बताया कि किसान चौपाल में पार्टी किसानों को इन बातों की विस्तार से जानकारी दी. गुरुवार को मोतिहारी, वैशाली, सीतामढ़ी, जमुई सहित विभिन्न जिलों में चौपाल लगाई गई. किसान चौपाल दो फरवरी से शुरू हुई थी और 28 अप्रैल तक लागाई जाएगी.

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