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सत्तर घाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की खबर झूठी, विभाग पूरी तरह मुस्तैद- IPRD

पटना (जागता हिंदुस्तान) 264 करोड़ों रुपए की लागत से बना सत्तरघाट महासेतु के ध्वस्त होने की मीडिया में चल रही खबरें को लेकर सरकार ने इस पर सफाई दी है। बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने सत्तर घाट महासेतु के ध्वस्त होने की खबर को सीधे तौर पर झूठा और भ्रामक करार दिया है।

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, “मीडिया में सत्तर घाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की झूठी खबर चल रही है। इस मामले में सही तथ्य निम्नवत है।

सत्तर घाट मुख्य पुल से लगभग दो किमी दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मी लम्बाई के छोटे पुल का पहुँच पथ कट गया है। यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अन्दर अवस्थित है। गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की और ज़्यादा है । इस कारण पुल के पहुँच का सड़क का हिस्सा कट गया है।

यह अप्रत्याशित पानी के दबाब के कारण हुआ है। इस कटाव से छोटे पुल की संरचना को कोई नुक़सान नहीं हुआ है। मुख्य सत्तर घाट पुल जो 1.4 किमी लंबा है, वह पूर्णतः सुरक्षित है। पानी का दबाव कम होते ही यातायात चालू कर दिया जाएगा।”

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने साफ किया है कि “इस योजना में कोई अनियमितता का मामला नहीं है। यह प्राकृतिक आपदा है। विभाग पूरी तरह मुस्तैद है।”

बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने इस महासेतु के निर्माण की आधारशिला वर्ष 2012 में रखी थी। इसे बनाने में 3 वर्षो का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन भूमि सम्बन्धी मामले और अन्य अड़चनों की वजह से एक लंबा वक्त लगा। बीते 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने इस महासेतु का उद्घाटन किया था।

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