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निदान एवं नासवी ने लांच किया “श्रमिक साथी” एप्प, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का डाटा होगा एकत्रित

पटना (जागता हिंदुस्तान) नेशनल एसोसिएशन ऑफ़ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ़ इंडिया (नासवी), जो की पूरे भारत में 10 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स के साथ काम करती है, तथा निदान जो की बिहार, झारखंड एवं दिल्ली में जमीनी स्तर पर पर असंगठित श्रमिकों के साथ काम करने वाला एक गैर सरकारी संगठन है, ने संयुक्त रुप से श्रमिक साथी एप्प लॉन्च किया।

इस अवसर पर नासवी के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा कि COVID -19 के प्रकोप और उसके बाद लॉकडाउन के प्रभाव के कारण असंगठित क्षेत्र मे काम करने वाले लाखों श्रमिक प्रभावित हुए एवं अभी भी हो रहे है। भविष्य में असुरक्षा व अनिश्चिता का डर अभी भी असंगठित श्रमिकों के परिवारों को परेशान करता है। उनकी मदद करने के लिए निदान व नासवी ने अपने संयुक्त प्रयास से नोएडा स्थित एक सॉफ्टवेयर कंपनी के साथ समन्वय स्थापित किया।

सिंह ने कहा कि अनलॉक के बाद भी सामाजिक सुरक्षा और रोजगार के साथ जुड़ाव असंगठित श्रमिको के समक्ष एक बड़ा मुद्दा है। किसी उचित व विशेष दस्तावेज की कमी के कारण सरकार द्वारा घोषित अधिकारों का उपयोग श्रमिक नहीं कर सके। अतः सरकारी घोषनाओं की प्राप्ति के लिए पात्रता को तैयार करना “सरकारी संवेदनशीलता” के रूप में बहुत महत्वपूर्ण है ।

चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा की कोविड -19 के संक्रमण से बचते हुए श्रमिकों का डाटा एकत्रित करने के लिए निदान और नासवी ने एक एप्प विकसित किया गया है, जिसके माध्यम से श्रमिको का डाटा एकत्रित किया जाएगा। इस प्रक्रिया से भौतिक सर्वेक्षण से बचा जाएगा साथ ही पेपर की भी बचत होगी एवं किफायती भी होगा।
वहीं, निदान के वरिष्ठ कार्यक्रम प्रबंधक राकेश त्रिपाठी ने कहा की एक बड़ी संख्या में पहुंचने के लिए, हमने सोचा कि तकनीक अधिक उपयोगी होगी। हमने सुमित कृष्णन, जो सक्सेस नंबर प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ हैं, के साथ इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा की। वे आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र हैं। इन्होने इस एप्प को विकसित किया है और इसे “श्रमिक साथी ” नाम दिया गया है। एप्प विकास की प्रक्रिया भी इस लिंक के माध्यम से चल रही है। कोई भी असंगठित श्रमिक इस लिंक के माध्यम से फॉर्म को भर सकते है, जिसकी मदद से हम उसके या उसके द्वार तक पहुंचेंगे, जिसमें से प्रत्येक को उल्लिखित अधिकारों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी ।

वहीं सुमित कृष्णन ने एप्प को संचालित कर के भी दिखाया एवं संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पूरी कोशिश की गई है कि ऐप में सभी जरूरी सवाल मौजूद रहे और इनमें से ज्यादातर सवाल बेहद आसान और उसे जवाब हां या ना में ही कुछ गए हैं। कृष्णा ने कहा कि फिलहाल की ऐप हिंदी और अंग्रेजी भाषा में बनाया गया है जिसे आगे चलकर विभिन्न राज्यों के मुताबिक वहां की स्थानीय भाषा में भी डिवेलप किया जाएगा। बिहार में इस अभियान को विशाल आनंद, कार्यक्रम प्रबन्धक निदान की मदद से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हमने जुलाई के अंत तक 10 लाख असंगठित श्रमिकों तक पहुंचने की योजना बनाई हैं और हम उन्हें विभिन्न पात्रताओं के तहत खुद को दर्ज करने में मदद भी करेंगे ।
कोई भी श्रमिक इस लिंक के द्वारा खुद को पंजीकृत कर सकते है। यह लिंक NASVI और NIDAN की वेबसाइट https://nidan.in/2020/06/15/shramik-sathi-app/ पर उपलब्ध है । इस लिंक को विभिन्न माध्यमों तथा श्रमिक लीडर के माध्यम से प्रचारित किया जाएगा |

बता दें कि इस एप्प को अंग्रेजी के लिए https://bit.ly/nidan-nasvi तथा हिंदी के लिए https://bit.ly/nidan-nasvi-hi पर डाउनलोड किया जा सकता है।

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