निगम के बजट में जलजमाव पर ध्यान नहीं, पटना को डूबने से भगवान भी नहीं बचा सकते- सतीश कुमार
पटना (जागता हिंदुस्तान) पटना नगर निगम में शनिवार को राजधानी एक प्रतिष्ठित होटल में आयोजित बैठक के दौरान साल 2020-21 का बजट पेश किया। दूसरी तरफ बजट को लेकर वार्ड पार्षदों में काफी नाराज़गी और मायूसी नज़र आई। किसी क्रम है वार्ड संख्या 47 के पार्षद सतीश कुमार ने जागता हिंदुस्तान से बातचीत में कहा कि निगम ने लगभग 4000 करोड का बजट पेश किया है, लेकिन इसमें जल जमाव को लेकर ठीक तरह से योजना नहीं बनाई गई है। सड़क, गली, नली निर्माण के लिए भी बजट में प्रावधान नहीं है। जमीनी स्तर की समस्याओं के लिए भी बजट में कोई प्रस्ताव नहीं है।
सतीश कुमार ने कहा कि पिछली बार जो बजट में प्रस्ताव आया था, उस पर भी कार्य प्रगति नहीं हुई है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे पिछले बजट में मछुआ टोली में मॉल बनाने की बात थी। उन्होंने कहा कि बजट का मतलब है कि जो बातें इसमें आए, वह आने वाले समय में पूरी हो। सतीश कुमार ने कहा कि बजट में लोकलुभावन बातें तो होती हैं, लेकिन मूल रूप से ज़मीन पर वह बातें नहीं उतरतीं।
इससे साथ ही उन्होंने अपने क्षेत्र की समस्या का जिक्र करते कुए कहा कि सैदपुर नहर की स्थिति इतनी खराब है कि यह अब ‘डैंजरस पॉइंट’ बन चुका है। दोनों तरह की दीवारें टूट चुकी हैं। सड़क कटती जा रही है और नहर की चौड़ाई बढ़ रही है। सतीश कुमार ने कहा कि आने वाले समय में सैदपुर नहर में कोई बड़ा हादसा होगा, तभी सरकार जागेगी। उन्होंने कहा कि यह नहर 4-5 वार्डों को जोड़ती है और पटना सिटी की लाइफ लाइन है लेकिन आज के बजट में इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। वार्ड पार्षद ने कहा कि स्थानीय लोग बेहद आक्रोशित हैं। यह बहुत दिक्कत की बात है कि निगम की यही हालत रही तो आने वाले समय में पटना स्मार्ट सिटी नहीं बन पाएगा।
वार्ड संख्या-47 के पार्षद ने कहा कि वह आगाह करना चाहते हैं कि आने वाले समय में पटना फिर जलजमाव में ग्रसित होगा और इसे भगवान भी नहीं बचा सकते हैं। सरकार केवल बैठक कर रही है लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हो रहा है।
वहीं पटना नगर निगम आयुक्त के लगातार बदले जाने के मामले को लेकर सतीश कुमार ने कहा कि नए नगर आयुक्त आए हैं, लेकिन कितने दिन रहेंगे, इसकी गारंटी नहीं। उन्होंने कहा कि रोज-रोज नगर आयुक्त को बदलना भी पटना नगर निगम को नीचे की तरफ ले जा रहा है। सतीश कुमार ने कहा कि कोई भी नगर आयुक्त एक दो महीने रहकर निगम के बारे में जानते हैं तो उनका ट्रांसफर हो जाता है।
इसके साथ ही वार्ड पार्षद सतीश कुमार ने कहा की वह अपेक्षा करते हैं कि बजट से पटना विकास करेगा।