जन-गण-मन यात्रा का चुनावी उद्देश्य नहीं- कन्हैया कुमार
पटना (जागता हिंदुस्तान) सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष व सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने अपनी जन गण मन यात्रा को लेकर कहा इस यात्रा का बिल्कुल भी चुनावी उद्देश्य नहीं। उन्होंने कहा कि यात्रा का उद्देश्य यह है कि इस आंदोलन को हर तरह की आबादी के बीच ले जाया जाए। इसके साथ ही कन्हैया कुमार ने कहा कि यह जो बार-बार कहा जा रहा है कि इस मामले में बतौर बिहार सरकार क्या किया जा सकता है और इसमें क्या किया जा सकता है इसको भी जानने और समझने का मौका मिला।
कन्हैया कुमार ने कहा कि जिस तरह से देश के अन्य राज्यों में एनपीआर के खिलाफ सदन में रेजोल्यूशन पास हुआ उसी तरह जनसमर्थन और जन दबाव से ऐसी परिस्थिति पैदा करना ताकि बिहार विधान सभा में भी इसके खिलाफ प्रस्ताव पास हो। वहीं कन्हैया कुमार ने कहा कि एनपीआर, एनआरसी और सीएए के खिलाफ लड़ाई अकेले नहीं हो सकती बल्कि इसके साथ कई और मुद्दे भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने दरोगा अभ्यार्थियों के आंदोलन और उस पर हुए लाठीचार्ज, नियोजित शिक्षकों की हड़ताल समेत अन्य मुद्दों को जोड़ते हुए कहा कि कहा की यात्रा के दौरान बिहार से पलायन का मुद्दा भी साफ नजर आया, जहां गांव में 50 फीसद आबादी बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों की नजर आई। नौजवान बहुत कम नजर आए और जो नौजवान पढ़ लिख गए हैं उन्हें रोजगार की समस्या है।
उन्होंने कहा कि ऐसी ही छोटी-छोटी लड़ाईया हैं। इसके साथ ही कन्हैया कुमार ने यात्रा के दौरान विरोध को लेकर कहा कि जब हमारी यात्रा कटिहार पहुंची तो वहां घुटने भर पानी जमा था और मजेदार बात यह है कि उसे घुटने भर पानी में खड़े होकर लोग हमारा विरोध कर रहे थे। कन्हैया ने कहा मैंने उन लोगों से यही कहा कि अगर मेरा विरोध करने से यह की नाली साफ हो जाती है तो ठीक है।
वहीं सीपीआई नेता ने बिहार की खराब सड़कों का जिक्र करते हुए कहा कि सड़क की हालत ऐसी है कि स्कॉर्पियो में बैठकर बसंती के तांगे का अनुभव होता है। उन्होंने कहा कि ऐसी ही छोटी छोटी लड़ाइयों को इकट्ठा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जब हम नागरिकता कानून का विरोध करते हैं तो इसका मतलब है कि हम नागरिक अधिकारों की बात कर रहे हैं।
कन्हैया कुमार ने कहा कि इस यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी भाग लिया। इससे एक संदेश यह भी निकल कर आया है कि बिहार के लोग कुछ नया करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जन-गण-मन यात्रा छोटी बड़ी कठिनाइयों को पार करता हुआ पटना पहुंच गया है, यहां हम विभिन्न क्षेत्रों में इसका प्रचार करेंगे और आगामी 27 फरवरी को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में इसका समापन होगा। उन्होंने कहा कि गाने मैदान में आयोजित होने वाली ‘देश बचाओ, नागरिकता बचाओ’ जनसभा ऐतिहासिक होगी।
कन्हैया कुमार ने कहा कि यह पूरी की पूरी लड़ाई नागरिक और नागरिक अधिकारों को बचाने की है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही तमाम छोटे-छोटे मुद्दों को लेकर एक बेहतर बिहार और उससे एक बेहतर देश के निर्माण की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाई है। कन्हैया कुमार ने कहा कि बिहार के सभी 38 जिलों में आयोजित की गयी उनकी जन-गण-मन यात्रा चुनावी यात्रा नहीं थी।
इस अवसर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद खान के साथ सामाजिक कार्यकर्ता निवेदिता झा भी मौजूद रहीं।