अब PARAS समेत इन निजी अस्पतालों में हो सकेगा COVID-19 का इलाज, DM ने दिए आवश्यक निर्देश
पटना (जागता हिंदुस्तान) बिहार में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले और इसके इलाज के लिए कम पड़ रहे सरकारी अस्पतालों के मद्देनजर जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब निजी अस्पतालों को भी कोरोना जांच और इसके इलाज की अनुमति दी गई है।
जिला प्रशासन के मुताबिक पटना स्थित पारस एचएमआरआई अस्पताल और रुबन हॉस्पिटल में 25 -25 बेड का कोरोना वार्ड खोलने का जिलाधिकारी कुमार रवि ने निर्देश दिया है। इसके अलावा कई अन्य अस्पतालों का भी आवेदन प्राप्त हुआ है, जिसकी समीक्षा और जांच कर अनुमति प्रदान की जा रही है।
बता दें कि इसके लिए डीएम कुमार रवि ने कुल बेड का 20 से 25 फीसदी आइसोलेशन वार्ड के लिए रखने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्होंने इच्छुक निजी अस्पतालों को कोरोना के इलाज के लिए सिविल सर्जन को आवेदन देने और स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया. डीएम ने यह भी जानकारी दी कि जो मरीज निजी अस्पताल में अपने खर्च पर इलाज कराना चाहेंगे, उन्हें ही इजाजत दी जायेगी।
निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक
दरअसल जिलाधिकारी कुमार रवि ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ हिंदी भवन सभागार में बैठक की और कई दिशा निर्देश दिये। बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट कर दिया कि महामारी को ध्यान में रखकर सभी अस्पताल खुला रहे और किसी को भी इलाज करने से मना नहीं करें। इसके साथ ही अस्पताल खुला होने के संबंध में सिविल सर्जन कार्यालय को जानकारी दें।
इलाज की सरकारी व्यवस्था
कोविड-19 से संबंधित मरीजों के लिए तीन तरह की व्यवस्था सरकार के द्वारा की गई है। पहला होम आइसोलेशन एवं उसकी निगरानी दूसरा माइल्ड सिंप्टोमेटिक मरीजों के लिए कोविड केयर सेंटर जिला एवं अनुमंडल स्तर पर एवं कोविड केयर हॉस्पिटल जिला स्तर पर बनाया गया है। तीसरा डेडीकेटेड कोविड-19 एनएमसीएच पीएमसीएच एवं एम्स में बनाया गया है।
मानक पूरा करने वाले अस्पताल ही कर पाएगें इलाज
निजी अस्पताल को कोविड-19 के तहत सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन देने तथा कोविड-19 से संबंधित प्रोटोकॉल का पालन करने और स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए इच्छुक निजी अस्पताल सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन दें और सेवा भाव से मरीजों का इलाज करें। निजी अस्पताल में जो मरीज अपने खर्च पर इलाज के लिए तैयार होगा उसी मरीज को निजी अस्पतालों को दिया जाएगा बशर्ते कि अस्पताल मानक हो।