चेतावनी : पैक्सों में नहीं होगा गेहूं अधिप्राप्ति कार्य, जनवितरण प्रणाली संचालन निलंबित होने से नाराजगी
पटना (जागता हिंदुस्तान) कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई समस्या को लेकर सरकार ने धान एवं गेहूं अधिप्राप्ति कार्य को प्राथमिकता के आधार पर कराए जाने के लिए पैक्स/व्यापार मंडल द्वारा संचालित जन वितरण प्रणाली दुकान का संचालन निलंबित करने के मामले को लेकर पैक्स प्रबंधक संघ बेहद नाराज है। इस मामले को लेकर बिहार पैक्स प्रबंधक संघ ने धान/गेहूं अधिप्राप्ति कार्य का बहिष्कार करने की घोषणा की है।
इस संबंध में पैक्स प्रबंधक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार गुप्ता ने बाकायदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर अधिप्राप्ति कार्य को बहिष्कार करने की बात कही है। अजय गुप्ता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम लिखे पत्र में खाद्य एंव उपभोक्ता संरक्षण विभाग एंव सहकारिता विभाग सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से बीते 19 अप्रैल को निर्गत पत्र पत्रांक 1658 का हवाला देते हुए कहां है कि राज्य के पैक्सों मे संचालित जन वितरण प्रणाली संचालन को तत्काल निलंबित कर दिया गया है, जिससे पैक्स के आय का स्रोत अर्थात कमिशन के माध्यम को ही सरकार सोची समझी साजिश के तहत बंद कर रही है। उनजोमे कहा है इससे पैक्स प्रबंधकों एंव अन्य कर्मियों के वेतन भुगतान में गंभीर समस्या उत्पन्न होगी। चूंकी सरकार स्वंय वेतन भुगतान करती नहीं है और लाभुकों को भी अन्य PDS दुकान से लाभ लेने मे दूरी तय करना पडेगा, जिससे लाभुकों मे भी रोष व्याप्त है। सरकार स्वंय कोई राशि पैक्सो को व्यवसाय करने हेतु ब्याज मुक्त या कम ब्याज की दर पर नही देती है, जिससे पैक्सों को संचालित करने मे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गुप्ता ने सीशे तौर पर कहा है कि सरकार अप्रत्यक्ष रूप से पैक्स अध्यक्ष और पैक्स प्रबंधकों का विरोध कर रही है। एक तरफ सरकार कहती है कि पैक्सों को वृहत पैमाने पर विकसित किया जाएगा और दूसरी तरफ सरकार पैक्सों के बुनियादी ढाँचे को ही धीरे-धीरे कमजोर कर रही है जबकि अन्य राज्यों की सरकारों ने पैक्सों को वृहत पैमाने पर विकसित किया है जिसकी जानकारी के लिये सहकारिता मंत्री राणा रणधीर को पर्याप्त साक्ष्य दिया गया है।
अजय गुप्ता ने बताया कि पैक्स में धान अधिप्राप्ति और जन वितरण प्रणाली संचालन कार्य लगातार कई वर्षों से हो रही है किंतु सरकार का यह कहना कि गेहूँ अधिप्राप्ति और जन वितरण प्रणाली संचालन कार्य एक साथ होने से गेहूँ अधिप्राप्ति का लक्ष्य अधूरा हो जाएगा, जो अपने आप मे विरोधाभास है एंव सरकार की मंशा को दर्शाता है।
पैक्स प्रबंधक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध किया है कि पैक्स/व्यापार मंडल में जन वितरण प्रणाली संचालन कार्य जारी रखने हेतु पुनर्विचार करते हुए आगामी 23 अप्रैल तक निर्णय वापस लेना चाहिए नहीं तो ऐसी स्थिति में 8,463 पैक्सों मे सामूहिक रूप से गेहूँ अधिप्राप्ति का पैक्स अध्यक्ष एंव पैक्स प्रबंधक बहिष्कार करेगें और सरकार का पुरजोर तरीके से विरोध करेगें, जिसका खामियाजा सरकार को भविष्य मे भी भुगतना होगा। पत्र की प्रतिलिपि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, सहकारिता मंत्री राणा रणधीर तथा खाद्य एंव उपभोक्ता मंत्री मदन सहनी को भी प्रेषित की गई है। वहीं पत्र के साथ जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्ष गण द्वारा समर्थन पत्र को अनुलग्न किया गया है।
बता दें कि खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा बीते 19 अप्रैल को जारी आदेश में कहा गया है कि लक्ष्यित जन वितरण प्रणाली के अंतर्गत राज्य में पैक्सों/व्यापार मंडल के द्वारा जन वितरण प्रणाली दुकानों का संचालन किया जा रहा है। उच्च स्तरीय निर्देश के आलोक में एवं कोविड-19 से उत्पन्न वैश्विक महामारी के मद्देनजर यह अपेक्षित है कि वर्तमान में धान/गेहूं अधिप्राप्ति कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए, जिसके लिए उचित होगा कि तत्कालीन व्यवस्था के तहत धान/गेहूं अधिप्राप्ति कार्य की समाप्ति तक वैसे जन वितरण प्रणाली दुकान जो पैक्स/व्यापार मंडल द्वारा संचालित किए जा रहे हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर धान/गेहूं अधिप्राप्ति कार्य में लगाया जाए एवं उनके साथ संलग्न लाभुकों को कार्य समाप्ति तक नजदीकी जन वितरण प्रणाली दुकानों के साथ सम्बद्ध करते हुए PoS यंत्र के माध्यम से खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था की जाए। अधिप्राप्ति कार्य एवं अवधि पूर्ण होने के पश्चात जिला पदाधिकारी की सहमति के उपरांत पैक्स/व्यापार मंडल पुनः जन वितरण प्रणाली दुकान संचालित कर सकेंगे।
गौरतलब है कि अपनी विभिन्न मांगो को लेकर पैक्स प्रबंधक संघ लगातार सरकार का दरवाजा खटखटा रहा हैं। पैक्स प्रबंधक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय गुप्ता ने लॉकडाउन के दौरान काम कर रहे प्रबंधकों को सरकार द्वारा 20 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा देने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दो-दो बार पत्र लिखा है। फिलहाल सरकार की ओर से पैक्स प्रबंधक संघ को किसी भी तरह का आश्वासन नहीं मिला है।