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चुनौती : सरकार के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचा पैक्स प्रबंधक संघ, PDS संचालन बहाल करने की लगाई गुहार

पटना (जागता हिंदुस्तान) कोरोना महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान धान/गेहूं अधिप्राप्ति कार्य को प्राथमिकता के आधार पर संपन्न कराने को लेकर खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा पैक्सों के तहत संचालित जन वितरण प्रणाली दुकानों (PDS) के संचालन को निलंबित करने के आदेश के खिलाफ अब पैक्स प्रबंधक संघ ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राज्य सरकार से लगातार PDS संचालन बहाल करने की गुहार लगाकर मायूस हुए पैक्स प्रबंधक संघ ने इस मामले में पटना उच्च न्यायालय में बकायदा याचिका दायर की है।

इस संबंध में पैक्स प्रबंधक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय गुप्ता ने बताया कि राज्य मे 4000 पैक्सों द्वारा जन वितरण प्रणाली संचालन 2011 से किया जा रहा है, जिसे खाद्य एंव उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव द्वारा मनमानी तरीके से अपने आदेश पत्रांक 1658 दिनांक 19.04.2020 द्वारा PDS को स्थगित करते हुए दूसरे PDS दुकान मे सम्बद्ध कर दिया गया है। जबकि पैक्सों द्वारा पूरी पार्दर्शिता के साथ पैक्स अध्यक्ष एंव कार्यकारिणी की देखरेख में संचालित हो रहा था। उन्होंने कहा कि जब से पैक्सों मे PDS संचालित हो रहा है, इसके लाभार्थियों मे काफी खुशी थी ।

पैक्स प्रबंधक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि उनके द्वारा तीन-तीन बार एंव भाजपा विधायक सह निवेदन समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष बिहार, बिहार स्टेट काँपरेटिव फेडरेशन अध्यक्ष विनय कुमार शाही, जिला सहकारी बैंक सिवान, बेतिया, मोतिहारी अध्यक्ष रामायण चौधरी, भगवती प्रसाद, दिलीप यादव, जिला सहकारी बैंक उपाध्यक्ष अरूण सिंह एंव अन्य प्रतिनिधियों द्वारा भी पैक्सों में PDS संचालन जारी रखने अर्थात इस आदेश को वापस लेने लेने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, खाद्य एंव उपभोक्ता मंत्री मदन साहनी एंव सहकारिता मंत्री राणा रणधीर से गुहार लगायी गयी, किंतु सरकार द्वारा उपेक्षा की गई। उन्होंने कहा कि सरकार की अनदेखी के कारण अंतत: पटना उच्च न्यायालय में जाना पड़ा जबकि कोर्ट द्वारा ऐसा निर्देश है कि लॉकडाउन में (अब 17 मई तक) सरकार या विभाग ऐसा कोई निर्णय न ले, जिससे लोगों को न्यायालय में तत्काल आना पड़े, इसके बावजूद उक्त निर्देश को भी नजर अंदाज किया गया।

अजय गुप्ता ने बताया कि पैक्सों में संचालित कार्यों से प्राप्त कमिशन की राशि से ही पैक्स प्रबंधकों का वेतन भुगतान होता है, जिसमे धान एंव गेहूँ अधिप्राप्ति के समाप्ति के उपरांत अर्थात लगभग 06-06 महीने के पश्चात कमिशन की राशि प्राप्त होती है जबकि PDS का कमिशन वितरण के दौरान ही प्राप्त हो जाती है,जिससे समिति द्वारा प्रबंधकों का वेतन भुगतान होने मे सुगम होती है । माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा लाँक-डाउन मे राज्य कर्मियों को कार्यालय बंद रहने के बावजूद मानवीय एंव नैतिक आधार पर बिना अनुपस्थिति विवरणी के ही वेतन भुगतान किया जा रहा है जो सराहनीय पहल है,किंतु इस लाँक-डाउन मे ही पैक्सों में कमिशन अर्थात आय के स्रोत को ही बंद कर दिया गया है, जिससे प्रबंधकों का वेतन भुगतान मे समस्या उत्पन्न होगी और भुखमरी का सामना करना पङेगा, जो अपने-आप मे विरोधाभास है । अजय गुप्ता ने बताया कि पैक्स प्रबंधक संघ के तरफ से अधिवक्ता विंध्याचल राय एंव राकेश झा द्वारा याचिका दायर की गई है ।

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