संविधान बचाओ-नागरिकता बचाओ महारैली : बोले कन्हैया, देश का दर्द सोने नहीं देता
पटना (जागता हिंदुस्तान) सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित संविधान बचाओ-नागरिकता बचाओ महारैली में सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और भाजपा-आरएसएस पर जमकर निशाना साधा। सबसे पहले उन्होंने अपनी जन गण मन यात्रा की सफलता को लेकर आम लोगों का धन्यवाद किया। वहीं मीडिया से कहा कि हम जानते हैं कि दिल्ली से आप लोगों पर बहुत दबाव होता है फिर भी आपने यात्रा की खबर चलाई उसके लिए आप लोगों को धन्यवाद।
इसके बाद कन्हैया कुमार ने सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ उत्तर पूर्वी दिल्ली में चल रहे आंदोलन के दौरान हुई हिंसा का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि मैं 3 दिनों से सोया नहीं हूं। अगर ऐसे में मैं कुछ बोलूं और किसी को कुछ बुरा लगे तो माफ कीजिएगा। कन्हैया कुमार ने कहा कि देश का दर्द सोने नहीं दे रहा है। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों में एनआरसी एनपीआर और सीएए को लेकर जारी शांतिपूर्ण धरने के दौरान हुई हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए पूरी जनसभा के साथ खड़े होकर 1 मिनट का मौन भी रखा। मौन के बाद कन्हैया कुमार ने सभी लोगों को बैठने की बजाय खड़े होने का आग्रह करते हुए कहा कि देश में जिस धर्म और जाति के नाम पर बैठकर हिंसा हो रही है आइए हम खड़े होकर अपने देश का राष्ट्रगान गाय और उसमें उसी धर्म और जाति को ढूंढने की कोशिश करें। इसके बाद सीपीआई नेता ने सभी लोगों के साथ मिलकर राष्ट्रगान गाया।
इसके बाद कन्हैया कुमार ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा। सीबीआई नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार बार यह बात कह रहे हैं किसी यह नागरिकता देने का नहीं बल्कि नागरिकता देने का कानून है। कन्हैया कुमार ने कहा कि हम नागरिकता देने का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि इसके जरिए नागरिकता छीनने की तैयारी के खिलाफ है। कन्हैया कुमार ने कहा कि जब सीएए का कानून बन गया तो इसके समर्थन में रैली निकालने का क्या मतलब। उन्होंने कहा कि दरअसल यह लोग नफरत को देश की गली-गली में उतारना चाहते हैं ताकि लोगों को लड़ाकर गुमराह किया जाए।
सीपीआई नेता ने कहा कि हमें नफरत से नहीं डरा सकते हम गांधी को मानने वाले हैं। कन्हैया कुमार ने कहा कि आज 45 साल में देश में सबसे अधिक बेरोजगारी है। पिछले 5 साल में तीन करोड़ 16 लाख नौकरी जा चुकी है। उन्होंने बगैर नाम लिए गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारा करियर छीनकर अपने बेटे का कैरियर बनाने वाले तड़ीपार से हम सवाल जरूर पूछेंगे। कन्हैया कुमार ने कहा कि इस देश की सरकार ने गोडसे को चुन लिया है अब जनता को फैसला करना है कि वह गोडसे के साथ जाना चाहती है या गांधी के साथ।
वहीं कन्हैया कुमार ने अपने जन-गण-मन यात्रा पर चुनावी यात्रा होने के आरोप को एक बार फिर खारिज करते हुए कहा कि कुछ लड़ाइयों से चुनाव नहीं जीता जाता बल्कि इतिहास बनाया जाता है। जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि यह यात्रा किसी को नेता बनाने के लिए नहीं बल्कि जन यानि जनता और गण यानि गणतंत्र को बचाने के लिए है। उन्होंने कहा कि आज हमें अंबेडकर की समानता, गांधी की महानता और भगत सिंह की निडरता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर यह सब हमारे साथ होंगे तो गोडसे के मानने वाले देश को तोड़ नहीं सकते।
अपने ऊपर लगे देशद्रोह के आरोप पर एक बार फिर कन्हैया कुमार ने कहा कि मेरे भाई फौज में है और एक भाई शहीद भी हुआ है। हम देश को भड़काने का काम नहीं कर रहे बल्कि अपने पुरखों की कुर्बानी से मिली हुई आजादी को बचाने का काम कर रहे हैं। कन्हैया कुमार ने कहा कि आज जो लोग धर्म देखकर वोट की गिनती कर रहे हैं वह नेता नहीं गिद्ध हैं। उन्होंने कहा कि आज हम यहां से एलान करना चाहते हैं कि बुद्ध और महावीर की इस धरती पर धर्म के नाम पर दंगा फसाद नहीं होने देंगे ना ही देश के मूल मुद्दों से भटकेंगे।
वहीं बिहार विधानसभा में एनआरसी और एनपीआर को लेकर पारित प्रस्ताव पर कन्हैया कुमार ने कहा कि एनपीआर को लेकर निकाले गए गजट नोटिफिकेशन को सरकार वापस ले तो हम लिखित धन्यवाद देंगे।