Lockdown2 : दिल्ली से बिहार आना चाहते हैं पप्पू यादव, सीएम नीतीश को चिट्ठी लिखकर मांगी अनुमति
पटना (जागता हिंदुस्तान) जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही दिल्ली में दिहाड़ी मजदूरों और गरीबों को भोजन उपलब्ध करा रहे है। बिहार के अलग-अलग जिलों में भी पार्टी के कार्यकर्ता जरूरतमंदों तक राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं। किंतु अब पप्पू यादव वापस बिहार लौटना चाहते ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक मदद पहुंचाई जाए सकें। इसके लिए उन्होंने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक चिट्ठी लिखकर बिहार आने की अनुमति मांगी।
जाप अध्यक्ष ने चिट्ठी में लिखा कि, “पार्टी के कार्यकर्ता सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पिछले तीन हफ्तों से भूखे, गरीबों, मजदूरों, छात्रों और बुजुर्गों को सहायता पहुंचा रहे हैं। इस मानवता बनाम महामारी महायुद्ध में मैं अपने लोगों के साथ खड़ा होकर उनका हौसला बढ़ाना चाहता हूं।”
आगे लिखा कि, “इस विकट परिस्थिति में बिहार के प्रत्येक नागरिक को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए हमें युद्धस्तर पर कार्य करने की जरूरत हैं।”
लाॅकडाउन नहीं टेस्टिंग से हारेगा कोरोना
इससे पहले जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव अपने फेसबुक लाइव कार्यक्रम “दिल की बात” के जरिए लोगों से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी का इलाज लॉकडाउन नहीं है। लॉकडाउन से गरीब, मजदूर और कमजोर वर्ग परेशान हैं और भूख के कारण कईयों ने आत्महत्या कर ली।
गुड़गांव में मजदूरी करने वाले मधेपुरा के मुकेश का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि, “मुकेश के पास पिछले 24 दिनों से कोई काम नहीं था। भूख से पूरा परिवार परेशान था। जिस कारण मुकेश ने आत्महत्या कर ली। सरकार गरीबों तक मुफ्त भोजन पहुंचाने में विफल रही है।”
जाप अध्यक्ष ने आगे कहा कि, “नेता के लिए हेलिकॉप्टर और चार्टर्ड प्लेन का इंतजाम किया जाता है। लेकिन कोटा में फंसे 6,000 छात्रों के लिए बस का इंतजाम भी नहीं कर रही है सरकार।”
लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान पर जाप अध्यक्ष ने कहा कि, “रोजाना देश को 35 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों की संख्या 90 करोड़ तक पहुंच जाएगी।”
अंत में उन्होंने सरकार से अपील की कि ज्यादा से ज्यादा टेस्ट और कांटैक्ट ट्रेसिंग कराए जाए। इससे कोरोना मरीजों की पहचान समय रहते हो पाएगी और दूसरों तक फैलने से रोका जा सकता हैं। साथ ही उन्होंने जांच टीम पर हो रहे पथराव की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि सरकार की गलती की सजा कर्मचारियों को नही दें। उनका सहयोग करें।