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CORONA : शबे-बारात के दौरान लॉकडाउन का पालन करें लोग- RLSP

पटना (जागता हिंदुस्तान) राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने मुसलमानों से अपील की है कि देश में कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन है, इसलिए शबे-बारात में भी लोग इसका पालन करें. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक ने कहा कि शबे-बारात की रात आमतौर से लोग मसजिदों में इबादत के बाद कब्रिस्तान जाकर फातिहा पढ़ते हैं और अपने पूर्वजों को याद करते हैं. मल्लिक ने कहा कि अभी देश में कोरोना वायरस को लेकर जो हालात हैं उसके मद्दनेजर लोग घरों में इबादत करें. मल्लिक ने कहा कि लोग घरों में कुरान की तिलावत करें, नफिल नमाज पढ़ें और कब्रिस्तान जाने की बजाय घरों से ही पूर्वजों के ईसाले-सवाब के लिए दुआ करें.

मल्लिक ने कहा कि दुनिया भर में मजहबी कार्यक्रमों पर रोक लगी है. मक्का में भी हरम शरीफ को बंद कर दिया गया है इसलिए भारत और बिहार के मुसलमान भी इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में सरकार का साथ दें. सरकार और प्रशासन के निर्देश पर देश और समाज के हित के लिए इस पर अमल करना बेहद जरूरी है. मल्लिक ने कहा कि कई जगहों से जबर्दस्ती मसजिदों में नमाज पढ़ने की कोशिश की खबरें आई हैं. यह सही नहीं है इससे समाज और देश में गलत संदेश जाता है, मुसलमानों को इससे बचना चाहिए व सरकार और डाक्टरों के दिशा-निर्देश पर अमल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है और इस पर सभों को अमल करना चाहिए.

मल्लिक ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मुसलमानों से दरखास्त की है कि वे इस महामारी से देश और दुनिया को बचाने के लिए अल्लाह से दुआ करें. उपेंद्र कुशवाहा का मानना है कि शबे-बारात की बड़ी फजीलत है और इबादत के बाद दुआओं में असर होता है. इसलिए मुसलमान देश और दुनिया के लिए दुआ करें कि अल्लाह इस महामारी को खत्म कर अमन-सकून कायम करें. कुशवाहा ने बेहतर समाज, मुल्क की सलामती और कोरोना वायरस से बचने के लिए दुआ करने की अपील की है.

मल्लिक ने उम्मीद जताई कि लोग कोरोना को खतरों को देखते हुए घरों में ही इबादत करेंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए लॉक डाउन के कारण मस्जिदों में पंचगाना और जुमा की नमाज सामूहिक रूप से नहीं अदा की जा रही है. कोरोना वायरस से बचे रहने के लिए यह जरूरी है कि लोग समूह में अपने घरों से बाहर नहीं निकलें. इसलिए शबे बरात की रात अपने घर में ही इबादत और दुआ करें. मल्लिक ने कब्रिस्तानों के प्रबंधकों से भी कहा है कि वे कब्रगाहों को बद रखें इस बात का खास ध्यान रखे कि कोई आने न पाए. मल्लिक ने यह भी कहा कि संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि हम सावधानी बरतें और थोड़ा सा भी शक हो तो चिकित्सकों से सलाह लें.

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