PPU के मीडिया प्रभारी का बयान विधिसम्मत नहीं, परीक्षा नियंत्रक से मिला AISF का प्रतिनिधिमंडल
पटना (जागता हिंदुस्तान) बीएड विद्यार्थियों के परीक्षा के संबंध में विभिन्न अखबारों में बयान देने वाले पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी विनोद कुमार मंगलम का बयान विधिसम्मत नहीं है। मीडिया प्रभारी ने सत्र 2018-20 के परीक्षा से वंचित विद्यार्थियों के मामले में कोर्ट में पीआईएल होने की बात कहते हुए परीक्षा लेने से इंकार किया था। एआईएसएफ ने पीपीयू मीडिया प्रभारी को अखबारों में अनाप शनाप बयान देने से बचने की सलाह दी है।
इसको लेकर एआईएसएफ का एक प्रतिनिधिमंडल पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय कुलपति से मिलने पहुँचा। कुलपति की मीटिंग में मौजूद होने की वजह से प्रतिनिधिमंडल पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रवीण कुमार से मिला।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल एआईएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार एवं पवन कुमार ने कहा कि 2018-20 के विद्यार्थियों की परीक्षा लेने के संबंध में राज्यपाल सह कुलाधिपति ने निर्देश दिया है। जिसमें पटना हाईकोर्ट के डबल बेंच ने भी अपने फैसले में कहा था कि अगर कुलाधिपति छात्रहित में कुछ फैसला लेना चाहें तो ले सकते हैं। जब कुलाधिपति का फैसला छात्रों के परीक्षा लेने के पक्ष में है और उसके खिलाफ जब तक कोई नया फैसला नहीं आ जाता है तब तक कैसे बीएड की परीक्षा रोकी जा सकती है। परीक्षा नियंत्रक छात्रों की बात से सहमत हुए।वहीं मीडिया प्रभारी ने भी फोन से बातचीत में छात्रों की बात से संतुष्ट हुए।
प्रतिनिधिमंडल ने परीक्षा नियंत्रक से संगठन द्वारा कुलाधिपति को पत्र भेज इस सत्र के सभी विद्यार्थियों का जनरल प्रमोशन करने का भी जिक्र किया। प्रतिनिधिमंडल ने पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के लॉ कॉलेजों– कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आरपीएस एवं बिहार इंस्टीच्यूट ऑफ लॉ की मान्यता के संबंध में भी परीक्षा नियंत्रक से पहल करने का अनुरोध किया और जरूरत पड़ने पर छात्र हित में दिल्ली में बार काउंसिल ऑफ इंडिया तक लड़ाई जारी रखने की बात कही।