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प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने पीएम मोदी से लगाई मदद की गुहार, कहा- भुखमरी तक पहुंच गई है स्थिति

पटना (जागता हिंदुस्तान) कोरोना महामारी को लेकर लागू किए गए लॉकडाउन के कारण शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने के कारण प्राइवेट स्कूल और उनसे जुड़े शिक्षक एवं कर्मचारी गण वेतन नहीं मिलने से बेहद परेशान हैं। प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने पत्रकारों से यह बात कही है। दरअसल प्राइवेट स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन के लिए निवेदन करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है। शमायल अहमद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा है कि:-

  1. मार्च माह से फीस नहीं आने के कारण सभी प्राइवेट स्कूल और उनसे जुड़े शिक्षक एवं कर्मचारी गण वेतन नहीं मिलने से भुखमरी की कगार पर आ गए हैं।
  2. लॉकडाउन में पिछले 4 महीने से विद्यालय में फीस नहीं आई है जिसके कारण शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को वेतन दे पाना असंभव हो गया है।
  3. वेतन के अतिरिक्त हर विद्यालय के अन्य आवश्यक मासिक खर्चा भी हैं जैसे बिल्डिंग का किराया, बैंक लोन की किश्त, मेंटेनेंस, गाड़ियों की किश्त और मेंटेनेंस, बिजली का बिल, टैक्स आदि जिसमें कोई छूट नहीं दी गई है।
  4. इन परिस्थितियों में प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधक शिक्षक एवं कर्मचारी अत्यंत मानसिक तनाव में हैं और सरकार से सहायता ना मिले पर कोई जानलेवा कदम उठा सकते हैं।
  5. अभिभावकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए हम उनसे भी फीस नहीं मांग रहे हैं।
  6. हमारे शिक्षक इस स्थिति में भी कड़ी मेहनत करके ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं और बिना फीस के उन्हें वेतन भी नहीं मिल रहा है।

शमायल अहमद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निवेदन करते हुए कहा है कि इस मामले को तुरंत संज्ञान में लेते हुए अपने सरकारी स्कूलों में प्रति बच्चा प्रतिमाह खर्च के आधार पर हर प्राइवेट स्कूल को उसके बच्चों की संख्या अनुसार विद्यालय अकाउंट में 4 महीने का फंड ट्रांसफर करने का प्रावधान करें और तुरंत पैसा जमा करने का कष्ट करें ताकि सभी को वेतन दिया जा सके। उन्होंने कहा कि आगे भी लॉकडाउन अवधि में यह सुविधा जारी रहे। हम आशा करते हैं कि आप प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधक शिक्षक एवं विद्यालय से जुड़े कर्मचारियों का कष्ट निवारण अति शीघ्र करके उन्हें मानसिक तनाव और भुखमरी से बाहर निकालेंगे। शमायल अहमद ने अंत में लिखा है कि हम यह आशा करते हैं कि आप इस मुद्दे पर हमें निराश नहीं करेंगे। आपसे अति शीघ्र सहयोग की कामना करते हैं।

इस संबंध में शमायल अहमद ने बताया कि इस मामले को लेकर सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों और 739 जिलों में मीडिया के माध्यम से प्राइवेट स्कूलों के सामने आई लॉकडाउन के कारण उत्पन्न समस्याओं की जानकारी दी गई है। उन्होंने बताया कि पूरे देश में एसोसिएशन से जुड़े 20 लाख निजी विद्यालय के संचालक एतव शिक्षक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 20 लाख पत्र भेजेंगे और उनको प्राइवेट स्कूल और उनसे जुड़े सभी कर्मचारी की कठिनाइयों से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राइवेट विद्यालयों को सुचारु रुप से चलाने का फीस ही एकमात्र साधन है। मार्च महीने से फीस नहीं आने के कारण विद्यालय अपने शिक्षक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों का वेतन देने में असमर्थ हैं और सभी के लिए जीवन यापन करना असंभव प्रतीत हो रहा है। उन्होंने कहा कि विद्यालय प्रबंधन एवं समस्त कर्मचारी अत्यधिक मानसिक तनाव और पीड़ा से गुजर रहे हैं जो जानलेवा साबित हो सकता है। क्षमा अहमद ने कहा कि शिक्षक समाज हमारे देश का महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग है और हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह सभी प्राइवेट विद्यालयों को सरकारी स्कूल में प्रति छात्र पर होने वाले खर्च के अनुसार आर्थिक अनुदान दें और लॉकडाउन तक यह सहायता जारी रखें।

इस अवसर पर एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव मोरवन कॉवेल, महासचिव शैलेश प्रसाद सिंह, एसबी राय, प्रेम रंजन सिंह, राजेश कुमार सिंह, अभिषेक पैट्रिक, बी प्रियम, अभिषेक कुमार सिंह, मिस्टर अब्राहम, विकास सिंह, इफत रहमान, विशाल सिंह, कन्हैया प्रसाद, राजेश कुमार सिंह, मोहम्मद अनवर, विकास तुलसियान, अजीत कुमार सिन्हा, कैसर इमाम, डॉक्टर संजीव शर्मा, विवेक कुमार सिंह, स्मिता सिंह और अमन कुमार सिंह मौजूद रहे।

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