Education & CultureTRENDING

Lockdown : निजी विद्यालय संगठन ने सरकार से की बकाया पैसों की मांग, कहा- कृपा करें ताकि पेट चल सके

पटना (जागता हिंदुस्तान) विश्वव्यापी महामारी कोरोना वायरस के फैलाव से बचाव को लेकर केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के आदेशानुसार देश एवं राज्य में लगातार चल रहे बंदी के प्रभाव से निजी विद्यालयों में आर्थिक संकट की घड़ी उत्पन्न हो गई है। हालात यह है कि अधिकांश निजी विद्यालयों में कार्यरत शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कर्मियों के विगत मासिक वेतन का भुगतान भी संभव नहीं हो पाया है। बिहार पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. डीके सिंह ने यह बात कही है।

उन्होंने कहा है कि निजी विद्यालयों का व्यय मुख्य रूप से बच्चों की मासिक फीस पर निर्भर होती है। कर्मियों के वेतन के अलावे निजी विद्यालयों में और भी अन्य प्रकार के खर्च होते हैं जैसे भवन का किराया, जमीन का लीज बिल, वाहनों का लोन, बिजली बिल, सरकारी टैक्स एवं अन्य। इस स्थिति में निजी विद्यालय अपने कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।

डॉ. डीके सिंह ने कहा की संगठन ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं शिक्षा मंत्री कृष्णनन्दन प्रसाद वर्मा से मांग की है कि 2009 से 2020 तक आरटीई से जुड़ा बकाया पैसा निजी विद्यालयों को देने की कृपा करें ताकि आर्थिक तंगी की इस स्थिति में निजी विद्यालयों को एक सहारा मिल सके। निजी विद्यालयों में कार्यरत कर्मियों का वेतन भुगतान सम्भव हो सके, जिससे उनका भी पेट चल सके।

एसोसिएशन के सह सचिव प्रेम रंजन ने कहा कि आरटीई का बकाया पैसा निजी विद्यालयों को मुहैया कराकर सरकार को निजी विद्यालयों की पीड़ा कम करने मे मददगार साबित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों की आवश्यता जब भी सरकार को पड़ी है, हमने भरपूर सहयोग किया है। सरकार को भी हमारे सहयोग के लिए आगे आना चाहिए। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *