मीडिया के विज्ञापन पर रोक लगाने की सोनिया गांधी की सिफारिश निंदनीय- BJP
पटना (जागता हिंदुस्तान) भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सह प्रभारी एवं विधान पार्षद डॉ. संजय मयूख और बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस लोकतांत्रिक संस्थाओं को पस्त-ध्वस्त करने की मानसिकता रखती है। आजादी के बाद से लेकर आजतक के कांग्रेस शासनकाल में लोकतंत्र के स्तंभों को चुन-चुन कर निशाना बनाया गया है। कोई आश्चर्य नहीं है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मीडिया को मिलने वाले सरकारी विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग की है।
दोनों नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना से निपटने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है और अपने हरसंभव प्रयास से दुनिया में इस संकट के बीच बेहतर नेतृत्व की मिसाल खड़ी की है, जबकि सोनिया गाँधी का पत्र खानापूर्ति है, जनता की आँख में धूल झोंकने की कोशिश है।
डॉ. संजय मयूख ने कहा कि कांग्रेस मीडिया को स्वतंत्र नहीं देखना चाहती है। साथ ही भारत में मीडिया संस्थाओं के चुनौतीपूर्ण संचालन के लिए आर्थिक स्त्रोतों एवं रेवेन्यू बैकअप के बारे में सभी को पता है और वो एक खुली किताब की तरह है। हमसभी का कर्तव्य बनता है कि मीडिया के प्रति सहयोगपूर्ण रूख अपनाये ताकि देश का चौथा स्तंभ अपने राष्ट्रीय-सामाजिक एवं मानवीय कर्तव्यों का निर्वहन चिंतामुक्त होकर स्वतंत्र तरीके से कर सके। संजय मयूख ने बिहार कांग्रेस के नेताओं और उसकी सहयोगी राजद- रालोसपा- हम पार्टी से सवाल पूछते हुए रूख स्पष्ट करने को कहा कि ये सभी बतायें कि सोनिया गाँधी के मीडिया विज्ञापन पर रोक लगाने की माँग के प्रति उनका क्या विचार है?
वहीं पूर्व में पत्रकार रहे बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी द्वारा दो साल के लिए मीडिया विज्ञापन पर रोक लगाने का सुझाव निंदनीय है। यह देश की मीडिया संस्थानों को ध्वस्त करने की कोशिश है, जिससे कई संस्थान बंद होंगे। साथ ही इस सेक्टर में गंभीर बरोजगारी पैदा होगी, जिसके परिणाम दुखद होंगे। कांग्रेस वही पार्टी है, जिसने इमरजेन्सी के दौर में मीडिया सेंसरशिप लागू किया था। कांग्रेस एक परिवारवादी पार्टी है, जो नेतृत्व संकट के दौर से गुजर रही है। विपक्ष के तौर पर असफल यह पार्टी स्पष्ट तौर पर अपनी कुण्ठा मीडिया और पत्रकारों पर निकालना चाहती है। सोनिया गाँधी के पत्र में अप्रत्यक्ष रूप से मीडिया को निशाना बनाने की कोशिश की है। इस पूरे संदर्भ में बिहार कांग्रेस और उसकी सहयोगी राजद-रालोसपा-हम पार्टी अपना पक्ष सार्वजनिक कर सफाई दे।