राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कहा- Lockdown के विनाशकारी प्रभाव पर गंभीरता से करें विचार
पटना (जागता हिंदुस्तान) कोरोना महामारी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर में लॉकडॉउन की घोषणा के बाद मजदूरों के पलायन समेत उत्पन्न हुई विभिन्न समस्याओं को लेकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
राहुल गांधी ने अंग्रेजी में लिखे अपने पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से क्या कुछ कहा है, उसका हिंदी अनुवाद पढ़िए:-
माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी
प्रधानमंत्री, भारत सरकार
प्रिय प्रधानमंत्री महोदय
मैं यह बताना चाहता हूँ कि इस घोर मानवीय संकट के समय में मैं अपनें लाखों कॉंग्रेस कार्यकर्ताओं के सहित आपके साथ एकजुटता प्रदर्शित करना चाहता हूँ। हमलोग अपनी क्षमता के हिसाब से सरकार द्वारा कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई में उठाये गये क़दमों के साथ सहयोग कर रहे हैं। पूरा विश्व कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये तत्काल कठोर क़दम उठा रहा है।भारत अपनें तीन सप्ताह के लंबे लॉक डाउन से गुज़र है। मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन के विनाशकारी प्रभाव पर गंभीरता से आप विचार करें, कयोकि इसका व्यापक असर हमारे लोगों, हमारे समाज और हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़नें वाला है। हमारे लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि भारत की परिस्थितियाँ अनूठी हैं।हमें अन्य बड़े देशों की तुलना में अलग-अलग कदम उठाने की आवश्यकता है, जो संपूर्ण लॉकडाउन रणनीति का पालन कर रहे हैं। भारत में गरीब लोगों की संख्या, जो मात्र अपनें दैनिक आय पर निर्भर हैं बहुत अधिक है, अत: हमारे लिए सभी आर्थिक गतिविधियों को एकतरफा बंद कर देना उतना सरल नहीं है। ये पूर्ण रूप से आर्थिक बंद होने के परिणाम स्वरूप COVID-19 वायरस से बढ़ रहे मृत्यु दर को आश्चर्यजनक रूप से बढ़ाएंगे। यह महत्वपूर्ण है कि सरकार लोगों की जटिल समस्याओं की वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुये सूक्ष्म बारीकियों के साथ लक्षित दृष्टिकोण कर विचार करे। हमारी प्राथमिकता वृद्धों और कमजोरों की रक्षा और उन्हें अलग-थलग करना है तथा युवाओं को इस वायरस के खतरों को स्पष्ट रूप से समझाते हुये उनके साथ दृढ़ता से संवाद करना चाहिये।

भारत के गांव में लाखों लाख बुजुर्ग लोग रहते हैं। पूर्ण रूपेण लॉकडाउन पूरी तरह से हमारी आर्थिक गतिविधियों को पूरी तरह बंद कर देता है, जिससे निश्चित रूप से लाखों युवा बेरोज़गार हो अपनों गाँव की ओर वापस जाते है। इससे उनके द्वारा उनके माता पिता, दादा दादी और अन्य बुजुर्ग आबादी को संक्रमित होनें का ख़तरा बना रहता है। इससे मानव जीवन का विनाशकारी नुकसान होगा। हमें सामाजिक सुरक्षा जाल को और मजबूत करते हुये काम करने वाले लोगों का समर्थन देते हुये उनके लिये आश्रय केंद्र का निर्माण करना होगा।सरकार द्वारा घोषित वित्तीय पैकेज एक अच्छा और पहला कदम है।कृपया तारीखों के साथ एक स्पष्ट रोड मैप की घोषणा करें की इसका कार्यान्वयन कैसे होगा। अधिक आबादी वाले क्षेत्रों को अधिक बड़े अस्पतालों की आवश्यकता होगी जिसमें हजारों बेड और वेंटिलेटर हों। यह एक बड़ी चुनौती है कि हम जितनी जल्दी इन संस्थानों की स्थापना एवं आवश्यक उपकरनों का निर्माण शुरु करे दें। साथ ही यह आवश्यक है कि हमें बड़े स्तर पर जॉच की प्रकृया को शुरु करना होगा जिससे इस वायरस के फैलाव को देखते हुयी इसके रोकथाम की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। सरकार द्वारा अचानक लॉकडाउन की घोषणा से लोगों में अत्यधिक घबराहट और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। हज़ारों प्रवासी मज़दूर घर वापस जा रहे हैं क्योंकि उनके पास किराया देनें के लिये पैसे नहीं हैं।

यह आवश्यक है कि तत्काल सरकार हस्तक्षेप करते हुये उन्हें उनके किराये का पैसा दे। कारख़ानों एवं छोटे उद्योगों के बंद होने के कारण लाखों प्रवासी मज़दूर अपने घर जानें के रास्ते में फँसे है।वे अपने दैनिक मजदूरी एवं पोषण और बुनियादी सेवाओं की पहुंच के बिना पूरी तरह से कमजोर हैं।
वे शरण लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं क्योंकि वे दूर अवस्थित अपनों घरों तक पहुंचने के लिए चल पड़े हैं। यह ज़रूरी है कि हम उन्हें आश्रय लेने में उनकी मदद करें एवं कुछ महीनों तक सीधे उनके बैंक खातों में पैसे देकर इन कठिन दिनों में उनका साथ दें। यह जरुरी है कि हम अपने वित्तीय संस्थानों के चारों ओर एक सुरक्षात्मक दीवार खड़ा करे जो हमें इस वायरस एवं आर्थिक बंदी के प्रभावों से बचा सके, जो अब से कुछ सप्ताह बाद ही आनें वाला है। हमारी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था तथा छोटे और मध्यम व्यापार और किसानों का विशाल नेटवर्क किसी भी पुनर्निर्माण के प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण होंगें। अत: यह आवश्यक है कि हम उन्हें अपनें बातचीत में शामिल करें, उनके आत्मविश्वास को बढ़ायें तथा अपने समसामयिक एवं सही क़दमों द्वारा उनके हितो की रक्षा करें।

हम इस गंभीर चुनौती का सामना करनें के लिये आपके साथ हैं।
शुभकामनाओं के साथ
राहुल गांधी